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नेशनल डेस्क, श्रेया पांडेय |
उपराष्ट्रपति चुनाव: सत्ता और विपक्ष की तैयारी, सांसदों ने किया मॉक पोल; कल होगा असली मुकाबला
नई दिल्ली: देश के अगले उपराष्ट्रपति के चुनाव के लिए माहौल पूरी तरह से गरम हो चुका है। सत्ताधारी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) और विपक्षी गठबंधन 'इंडिया' (INDIA) ने इस महत्वपूर्ण मुकाबले के लिए कमर कस ली है। कल यानी मंगलवार को मतदान होना है, जिसके लिए आज दोनों गठबंधनों ने अपने-अपने सांसदों के साथ मॉक पोल का आयोजन किया। इसका उद्देश्य सांसदों को मतदान प्रक्रिया से अवगत कराना और यह सुनिश्चित करना है कि कोई भी वोट अमान्य न हो।
एनडीए के उम्मीदवार, जो कि पूर्व गवर्नर हैं, और इंडिया गठबंधन के संयुक्त उम्मीदवार, जो एक वरिष्ठ राजनेता हैं, के बीच सीधा मुकाबला है। एनडीए के पास संख्या बल स्पष्ट रूप से अधिक है। लोकसभा और राज्यसभा को मिलाकर उनके सांसदों की संख्या बहुमत के आंकड़े से काफी ऊपर है। ऐसे में उनकी जीत लगभग तय मानी जा रही है। हालांकि, विपक्ष भी अपने उम्मीदवार को एक मजबूत चुनौती के रूप में पेश करने का हर संभव प्रयास कर रहा है। आज दिन भर दोनों गठबंधनों की बैठकों का दौर चला। एनडीए की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और पार्टी अध्यक्ष जे.पी. नड्डा सहित सभी वरिष्ठ नेता मौजूद थे। इस बैठक में सांसदों को मतदान के नियमों की जानकारी दी गई और यह भी समझाया गया कि कैसे वोट देना है ताकि कोई गलती न हो। इस दौरान प्रधानमंत्री ने सांसदों से एकजुट होकर मतदान करने और पार्टी की जीत सुनिश्चित करने का आह्वान किया।
दूसरी ओर, इंडिया गठबंधन के सांसदों ने भी एक अलग बैठक की। इस बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गांधी, और अन्य प्रमुख नेताओं ने हिस्सा लिया। विपक्ष ने अपने उम्मीदवार के पक्ष में सभी सांसदों को लामबंद करने का प्रयास किया। उन्होंने सांसदों को बताया कि यह चुनाव केवल एक पद के लिए नहीं है, बल्कि देश के लोकतांत्रिक मूल्यों और संवैधानिक संस्थानों की रक्षा के लिए है। इंडिया गठबंधन ने यह भी दावा किया कि उनके उम्मीदवार को कुछ गैर-गठबंधन दलों का भी समर्थन मिल सकता है, जिससे मुकाबला और दिलचस्प हो जाएगा। हालांकि, यह केवल एक राजनीतिक दांव प्रतीत होता है, क्योंकि संख्या बल एनडीए के पक्ष में ही है।
मॉक पोल के दौरान सांसदों को वास्तविक मतपत्रों की तरह दिखने वाले डमी मतपत्र दिए गए। उन्हें वोट देने का सही तरीका, वरीयता क्रम निर्धारित करना और मतपत्र को सील बंद मतपेटी में डालना सिखाया गया। यह प्रक्रिया इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि उपराष्ट्रपति चुनाव में गुप्त मतदान होता है और हर वोट कीमती होता है। किसी भी तरह की गलती से वोट अमान्य हो सकता है, जो कि पार्टी के लिए एक नुकसान होगा। इस दौरान, पार्टियों ने अपने व्हिप भी जारी किए, जिसमें सभी सांसदों को मतदान में अनिवार्य रूप से भाग लेने का निर्देश दिया गया है।
कल सुबह संसद भवन में मतदान होगा। सांसद सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। मतदान के तुरंत बाद वोटों की गिनती शुरू हो जाएगी और शाम तक परिणाम भी घोषित कर दिए जाएंगे। इस चुनाव के परिणाम का सीधा असर देश की राजनीति पर पड़ेगा, क्योंकि उपराष्ट्रपति राज्यसभा का पदेन सभापति भी होता है। ऐसे में सत्ता और विपक्ष दोनों के लिए यह पद महत्वपूर्ण है। एनडीए की जीत से सरकार को राज्यसभा में अपनी विधायी एजेंडे को आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी, जबकि विपक्ष यह दिखाना चाहता है कि वे अब भी एक मजबूत और एकजुट ताकत हैं।
कुल मिलाकर, कल का दिन भारतीय लोकतंत्र के लिए एक महत्वपूर्ण दिन है। यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या एनडीए अपनी संख्या बल को सफलतापूर्वक वोटों में बदल पाता है या विपक्ष कोई अप्रत्याशित परिणाम देने में कामयाब होता है। हालांकि, मौजूदा राजनीतिक समीकरणों को देखते हुए एनडीए के उम्मीदवार की जीत लगभग तय है, और यह सिर्फ औपचारिकता भर है।