ऑस्ट्रेलिया की संसद में अनोखा नजारा: सांसद ने जूते में बीयर डालकर पी, जानिए क्या है 'शूई' परंपरा

रिपोर्ट: ऋषि राज
कैनबरा, ऑस्ट्रेलिया: ऑस्ट्रेलिया की संसद में हाल ही में एक ऐसा दृश्य देखने को मिला, जिसने वहां मौजूद लोगों को हैरानी में डाल दिया और सोशल मीडिया पर भी चर्चा का विषय बन गया। यह घटना तब घटी जब एक सांसद ने अपने कार्यकाल के अंतिम दिन एक पारंपरिक, लेकिन अजीब तरीके से विदाई ली, उन्होंने अपने जूते में बीयर डालकर पी ली।
कौन हैं ये सांसद?
यह अनोखा कारनामा किया पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया से लेबर पार्टी के सांसद काइल मैकगिन (Kyle McGinn) ने। वे राज्य की संसद में दो कार्यकाल पूरे कर चुके हैं और अब कार्यकाल के अंत पर उन्होंने अलविदा कहने के लिए यह अनोखा तरीका अपनाया।
क्या है 'शूई' परंपरा?
काइल मैकगिन ने जो किया, वह महज एक सनक नहीं, बल्कि ऑस्ट्रेलियाई संस्कृति में मौजूद एक लोक-परंपरा है, जिसे "शूई (Shoey)" कहा जाता है। इस परंपरा के अनुसार, कोई व्यक्ति जूते में बीयर या अन्य शराब डालकर उसे पीता है। आमतौर पर यह जश्न मनाने या विदाई लेने का तरीका होता है।
यह परंपरा ऑस्ट्रेलिया में खेल जगत, विशेषकर रेसिंग और UFC जैसे आयोजनों में भी लोकप्रिय है, जहां विजेता कभी-कभी जीत की खुशी में शूई करते हैं।
संसद में ‘शूई’ का प्रदर्शन
सांसद काइल मैकगिन ने संसद में भाषण देने के बाद जूते में बीयर डालकर उसे पिया। इससे पहले उन्होंने कहा,
"मैंने बहुत सोचा कि इस भाषण को कैसे खत्म किया जाए और मुझे लगा कि यही एक तरीका है जो मेरे निर्वाचन क्षेत्र 'गोल्डफील्ड्स' के लोग पसंद करेंगे।"
उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें डांट सुनने की आदत है, इसलिए उन्हें उम्मीद थी कि उनके इस कृत्य को माफ किया जाएगा। बीयर पीने के बाद उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा:
"दो शानदार कार्यकालों के लिए मैं अपने मतदाताओं का धन्यवाद करता हूं। चीयर्स!"
न्यूयॉर्क टाइम्स और सिडनी मॉर्निंग हेराल्ड में रिपोर्ट
New York Times की रिपोर्ट के मुताबिक, यह परंपरा ऑस्ट्रेलिया में काफी पहले से मौजूद है और इसे शराब पीने के मज़ेदार तरीके के रूप में देखा जाता है। वहीं Sydney Morning Herald ने इसे काइल मैकगिन के व्यक्तित्व का एक दिलचस्प पक्ष बताते हुए कहा कि उनका यह अंदाज़ 'गोल्डफील्ड्स' के लोगों से गहराई से जुड़ा है।
सांसद काइल मैकगिन का यह अलविदा कहने का तरीका भले ही अनोखा और चौंकाने वाला था, लेकिन यह ऑस्ट्रेलिया की लोक-संस्कृति में रची-बसी एक परंपरा को दर्शाता है। संसद जैसे गंभीर मंच पर 'शूई' करने का साहस दिखाना एक ऐसा कदम था जिसने उन्हें चर्चा का केंद्र बना दिया; कुछ के लिए यह गर्व की बात थी, तो कुछ के लिए आलोचना का कारण।