
नेशनल डेस्क, श्रेयांश पराशर l
केंद्र सरकार ने कपास पर आयात शुल्क में दी गई छूट को 30 सितंबर से बढ़ाकर 31 दिसंबर 2025 तक जारी रखने का निर्णय लिया है। वित्त मंत्रालय की ओर से जारी अधिसूचना में कहा गया है कि इस कदम का उद्देश्य घरेलू वस्त्र उद्योग को कच्चे माल की उपलब्धता सुनिश्चित करना और निर्यातकों को अतिरिक्त समर्थन देना है।
भारत का वस्त्र उद्योग वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा करता है, लेकिन कच्चे माल की कमी और आयात पर बढ़ते शुल्क के कारण इसकी लागत लगातार बढ़ रही थी। ऐसे में कपास पर आयात शुल्क से छूट मिलने से वस्त्र उद्योग को बड़ी राहत मिलेगी। यह निर्णय न केवल उत्पादन लागत को कम करेगा बल्कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में भारतीय वस्त्रों की प्रतिस्पर्धात्मकता को भी बढ़ाएगा।
सरकार ने पहले 19 अगस्त से 30 सितंबर तक कपास पर अस्थायी छूट की घोषणा की थी, लेकिन उद्योग जगत और निर्यातकों की मांग को देखते हुए इसे तीन महीने और बढ़ा दिया गया है। इससे घरेलू बाजार में कपास की उपलब्धता बढ़ेगी और कपड़ा मिलों की निर्भरता घटेगी।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम ऐसे समय पर उठाया गया है जब अमेरिका समेत कई देशों ने भारतीय उत्पादों पर भारी आयात शुल्क लगाया है, जिससे भारत के निर्यात पर दबाव बढ़ा। ऐसे में घरेलू स्तर पर उत्पादन और रोजगार को सुरक्षित रखने के लिए यह निर्णय अहम है।