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कर्नाटक की गुफा में साधना करती मिली रूसी महिला और उसकी दो बेटियाँ, 7 साल से बिना वीजा रह रहीं थीं

विदेश डेस्क, श्रेया पांडेय |
कर्नाटक के उत्तर कन्नड़ ज़िले में गोकरना के पास स्थित रामतीर्था पहाड़ियों की एक गुफा से पुलिस ने एक रूसी महिला और उसकी दो छोटी बेटियों को बरामद किया है। यह घटना तब सामने आई जब बीते सप्ताह भारी बारिश और भूस्खलन के बाद पुलिस और वन विभाग के अधिकारी इलाके की नियमित जांच कर रहे थे।

गुफा के बाहर कपड़े सूखते हुए देखकर पुलिस को संदेह हुआ, और जब उन्होंने गुफा में प्रवेश किया, तो उन्हें वहाँ 40 वर्षीय नीना कुटिना (Nina Kutina) और उनकी बेटियाँ प्रेया (6 वर्ष) और आमा (4 वर्ष) मिलीं। यह तीनों पिछले कई महीनों से जंगल की गुफा में रह रहीं थीं, जहाँ न बिजली थी, न पानी की व्यवस्था, और न ही किसी तरह की सुरक्षा।

नीना ने बताया कि वह भारत में आध्यात्मिक जीवन की खोज में आई थीं और उन्हें गोवा तथा गोकरना क्षेत्र की शांति व धार्मिकता आकर्षित करती है। गुफा के अंदर उन्होंने एक रुद्र की प्रतिमा भी स्थापित कर रखी थी और दिनभर साधना, ध्यान और पूजा-पाठ में लीन रहती थीं। उन्होंने बताया कि वह बेटियों को खुद पढ़ा रही थीं और जंगल में उपलब्ध सीमित साधनों से जीवन यापन कर रही थीं।

हालांकि, जब अधिकारियों ने उनके दस्तावेज मांगे, तो महिला ने बताया कि उनका पासपोर्ट और वीजा खो गया है। बाद में गुफा की तलाशी के दौरान उनका पासपोर्ट और अन्य दस्तावेज बरामद हुए। जांच में पता चला कि नीना अक्टूबर 2016 में भारत आई थीं और उनका बिज़नेस वीजा अप्रैल 2017 में ही समाप्त हो चुका था।

वन विभाग और पुलिस ने बताया कि वह क्षेत्र न केवल भूस्खलन के लिए संवेदनशील है, बल्कि वहाँ जहरीले साँपों, जंगली जानवरों और अन्य प्राकृतिक खतरों का भी सामना करना पड़ता है। बच्चों की सुरक्षा को देखते हुए महिला और उसकी बेटियों को तुरंत गुफा से बाहर निकालकर पास ही एक महिला आश्रम में स्थानांतरित किया गया।

पुलिस ने महिला के खिलाफ फॉरेनर्स एक्ट के तहत मामला दर्ज किया है और FRRO (Foreigners Regional Registration Office) की मदद से प्रत्यर्पण प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। रूसी दूतावास को भी सूचित कर दिया गया है।

स्थानीय सामाजिक संगठनों और आश्रम की साध्वियों ने फिलहाल इन तीनों को आवश्यक भोजन, कपड़े और चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई है। आश्रम में रह रहीं साध्वी योगरत्न सरस्वती ने बताया कि “महिला बेहद शांतिपूर्ण जीवन जी रही थी, लेकिन बच्चों के स्वास्थ्य और भविष्य की दृष्टि से उसे कानूनी मदद और पुनर्वास की ज़रूरत है।”

यह मामला भारत में वीजा उल्लंघन, अवैध निवास, और विदेशियों के लिए सुरक्षा-संवेदनशील क्षेत्रों में निवास जैसे विषयों पर एक बार फिर गंभीर प्रश्न खड़ा करता है। पुलिस अब यह भी जांच कर रही है कि क्या महिला ने जानबूझकर वीजा अवधि के बाद छिपकर भारत में रहना चुना, या फिर यह किसी गहरे आध्यात्मिक विश्वास का हिस्सा था।