
स्टेट डेस्क, श्रेयांश पराशर l
वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) विभाग की टीम ने कर्नाटक में एक बड़े घोटाले का पर्दाफाश किया है। यह घोटाला बेलगावी जिले में फर्जी बिल-पावती और चालान जारी करने के जरिए अंजाम दिया गया था। अधिकारियों के मुताबिक, इस मामले में लगभग 145 करोड़ रुपये के फर्जी जीएसटी चालान बनाए गए, जिनके जरिए करीब 43 करोड़ रुपये की कर चोरी की आशंका जताई गई है।
सूचना मिलने पर जीएसटी खुफिया महानिदेशालय (डीजीजीआई) की टीम ने जांच शुरू की और इस फर्जीवाड़े की परतें खुलनी शुरू हुईं। जांच में पता चला कि आरोपी ने बिल और पावती के माध्यम से कई फर्जी दस्तावेज तैयार कर कंपनियों और कारोबारियों को दिखाए, जिससे टैक्स चोरी आसान हो सके। इस पूरे मामले को लेकर जीएसटी अधिकारियों ने धोखाधड़ी और कर चोरी की पुष्टि की।
अधिकारियों ने बताया कि मामले में शामिल एक व्यक्ति को बेंगलुरु से गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेजा गया है। प्रारंभिक जांच में यह भी संकेत मिले हैं कि इस नेटवर्क के तार अन्य राज्यों तक फैले हो सकते हैं। फिलहाल मामले की गहन जांच जारी है।
केंद्र सरकार ने ऐसे मामलों पर सख्ती बरतने का संकेत दिया है। वित्त मंत्रालय ने साफ कहा है कि जीएसटी चोरी न केवल राजस्व को नुकसान पहुंचाती है बल्कि ईमानदार करदाताओं पर अतिरिक्त बोझ भी डालती है। सरकार अब इस तरह के फर्जीवाड़ों को रोकने के लिए डिजिटल ट्रैकिंग और सख्त निगरानी व्यवस्था को और मजबूत करने पर विचार कर रही है।
इस कार्रवाई के बाद कर विभाग के अधिकारियों को उम्मीद है कि अन्य राज्यों में भी ऐसे मामलों पर नकेल कसी जाएगी, जिससे कर चोरी पर अंकुश लगेगा और राजस्व प्रणाली और पारदर्शी बनेगी।