स्टेट डेस्क, आर्या कुमारी |
बिहार चुनाव को लेकर कांग्रेस ने डैमेज कंट्रोल की मुहिम तेज कर दी है। अशोक गहलोत, के.सी. वेणुगोपाल और अजय माकन पटना पहुंचे हैं। उनका मकसद महागठबंधन सहयोगियों से तालमेल बनाना और पार्टी के भीतर बढ़ते असंतोष को शांत करना है। फोकस सीट बंटवारे पर सहमति और कार्यकर्ताओं को एकजुट करने पर है।
विधानसभा चुनाव से पहले टिकट वितरण को लेकर उपजे असंतोष और अंदरूनी मतभेद थमने का नाम नहीं ले रहे। जिलों में नेता-कार्यकर्ता खुलकर नाराजगी जता रहे हैं। इसी हालात को काबू में करने के लिए कांग्रेस आलाकमान ने पहल की है। बिहार चुनाव पर्यवेक्षक अशोक गहलोत, संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल और स्क्रीनिंग कमेटी प्रमुख अजय माकन शनिवार देर शाम पटना पहुंचे। तीनों नेता सीधे प्रदेश कांग्रेस कार्यालय नहीं गए, बल्कि वार रूम में देर रात तक रणनीति पर चर्चा करते रहे।
नेताओं में बढ़ती खींचतान से बढ़ी चिंता
कांग्रेस सूत्रों के अनुसार, प्रदेश नेतृत्व और असंतुष्ट नेताओं के बीच बढ़ती दूरियां आलाकमान के लिए चिंता का कारण बन गई हैं। कई जिलाध्यक्षों और पूर्व विधायकों ने टिकट वितरण में मनमानी और स्थानीय कार्यकर्ताओं की उपेक्षा का आरोप लगाया है। इसी वजह से पार्टी के शीर्ष नेता खुद मोर्चा संभालने उतरे हैं।
जिलों से मंगवाई गई रिपोर्ट
गहलोत, वेणुगोपाल और माकन ने देर रात वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक कर जिलावार रिपोर्ट तलब की। सूत्रों के मुताबिक, दिल्ली से आए नेता जल्द ही बागी और नाराज उम्मीदवारों से मिलकर उनकी शिकायतें सुनेंगे। कांग्रेस आलाकमान चुनाव से पहले किसी भी तरह की दरार से बचना चाहता है। लक्ष्य यह है कि छठ पूजा के बाद राहुल गांधी और प्रियंका गांधी की सभाओं से पहले एकजुटता का संदेश दिया जाए, ताकि कांग्रेस मैदान में मजबूती से उतर सके।
इन वरिष्ठ नेताओं की कोशिशों का असर आने वाले दिनों में साफ होगा। फिलहाल, आलाकमान ने हालात को भांपते हुए बड़े नेताओं को मिशन पर भेज दिया है, और उन्होंने पटना में डैमेज कंट्रोल ऑपरेशन शुरू कर दिया है।







