
मोतिहारी, एन.के. सिंह |
मोतिहारी: बिहार में बेरोजगारी, अपराध और सरकारी नीतियों के खिलाफ कांग्रेस ने आज मोतिहारी के कचहरी चौक पर 'नौकरी दो, पलायन रोको' कार्यक्रम के तहत एकदिवसीय धरना प्रदर्शन किया। कांग्रेस राज्यसभा सांसद अखिलेश सिंह और जिला कांग्रेस अध्यक्ष शशि भूषण राय के नेतृत्व में हजारों की संख्या में युवा और कार्यकर्ता सड़कों पर उतरे। पुलिस ने कई जगहों पर बैरिकेडिंग लगाकर कार्यकर्ताओं को रोकने का प्रयास किया, लेकिन प्रदर्शनकारियों ने बैरिकेडिंग हटाते हुए समाहरणालय मुख्य द्वार पर धरना प्रदर्शन किया।
पुलिस से झड़प, कई कार्यकर्ता हिरासत में:
प्रदर्शनकारियों को रोकने के दौरान पुलिस को काफी मशक्कत करनी पड़ी। धक्का-मुक्की के दौरान आधा दर्जन कांग्रेस कार्यकर्ता सड़क पर गिरते हुए देखे गए। बाद में पुलिस ने दो दर्जन से अधिक कांग्रेस कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया, हालांकि उन्हें कुछ देर बाद छोड़ दिया गया।
केंद्र और राज्य सरकार पर सीधा हमला:
धरना प्रदर्शन को संबोधित करते हुए राज्यसभा सदस्य अखिलेश सिंह ने केंद्र की मोदी सरकार और बिहार की नीतीश सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा, "इस निकम्मी सरकार को इस बार उखाड़ कर फेंक देना है। इस सरकार में पढ़े-लिखे युवाओं को नौकरी नहीं मिल रही है, लोग बेरोजगार हैं।"
जिला कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शशि भूषण राय ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर मानसिक रूप से अस्थिर होने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, "मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मानसिक रूप से विक्षिप्त हो गए हैं। कभी किसी के माथे पर गमला रख देते हैं तो कभी महिलाओं का हाथ पकड़कर कार्यक्रम के दौरान बैठने लगते हैं। यह सरकार की कमी है। बेरोजगारी बढ़ रही है और अपराध भी बढ़े हैं। इस बार जनता इस सरकार को सबक सिखाएगी।"
कांग्रेस ने उठाए ये प्रमुख मुद्दे:
कांग्रेस ने अपने धरना प्रदर्शन में बिहार की जनता से जुड़े 10 प्रमुख मुद्दे उठाए, जिनमें शामिल हैं:
- 5 लाख से अधिक सरकारी पद खाली: सरकार पर आरोप है कि बिहार में 5 लाख से अधिक सरकारी पद खाली होने के बावजूद 4 करोड़ युवा बेरोजगार घूम रहे हैं।
- बेरोजगारी और अपराध का गठजोड़: एनसीआरबी के आंकड़ों का हवाला देते हुए कांग्रेस ने कहा कि बिहार में अपराध 133.5% बढ़ा है, जिसमें हत्याएं, चोरी और अपहरण शामिल हैं। यह बढ़ती बेरोजगारी का सीधा परिणाम है।
- पेपर लीक और शिक्षा माफिया: बीपीएससी, एसएससी, नीट, यूजीसी-नेट जैसी परीक्षाओं में लगातार हो रहे पेपर लीक पर सरकार की विफलता पर सवाल उठाया गया।
- संविदा कर्मियों का शोषण: 7 लाख संविदा कर्मियों को स्थायी नौकरी और समान वेतन न दिए जाने पर आपत्ति जताई गई।
- 4 करोड़ का पलायन: नीतीश के 20 साल के शासन में 4 करोड़ युवाओं के रोजगार के लिए बिहार छोड़ने को सरकार की विफलता बताया गया।
- अग्निपथ योजना का विरोध: अग्निपथ योजना को रद्द करने और सेना में स्थायी भर्ती शुरू करने की मांग की गई।
- सामाजिक न्याय का ढोंग: जाति जनगणना के बाद 66% आरक्षण के वादे को ठंडे बस्ते में डालने और रेलवे, सेना तथा सिविल सेवाओं में आरक्षण को कमजोर करने का आरोप लगाया गया।
- स्टार्टअप्स और उद्यमिता पर उदासीनता: स्टार्टअप्स के लिए आवंटित कम बजट को युवाओं की उद्यमशीलता का उपहास बताया गया।
- मनरेगा में धांधली: मनरेगा में भ्रष्टाचार और लाखों जॉब कार्ड निष्क्रिय होने पर सवाल उठाए गए।
- कौशल विकास का खोखला दावा: प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना में प्रशिक्षण के बावजूद रोजगार के अभाव को सरकार की विफलता बताया गया।
कांग्रेस ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा, "जुमला नहीं जवाब दो, 20 साल का हिसाब दो।" प्रदर्शनकारियों ने 'नौकरी दो या सत्ता छोड़ो' के नारे लगाए, जो बिहार की जनता के बढ़ते असंतोष को दर्शाता है। कार्यक्रम के दौरान हजारों कर्ज करता होने संबोधित किया इस कार्यक्रम में चिरैया के पूर्व विधायक मनोज सिंह, युवा कांग्रेस नेता राकेश दयाल जिला युवा प्रभारी ओमप्रकाश कुशवाहा, प्रो. विजय शंकर पाण्डेय, शैलेन्द्र कुमार सिंह, जिला युवा अध्यक्ष बिट्टू यादव, जिला महिला अध्यक्ष किरण कुशवाहा, विजय कुमार जायसवाल, ओशैर्दुर रहमान सहित अन्य पदाधिकारी मौजूद रहे।