
श्रेयांश पराशर
कानपुर और उन्नाव जिलों में अवैध रूप से रह रहीं तीन रोहिंग्या महिलाओं को गंगाघाट पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। म्यांमार से आई इन महिलाओं ने भारत में फर्जी दस्तावेजों के सहारे निवास किया हुआ था। जांच के बाद सभी के खिलाफ विदेशी अधिनियम सहित अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है।
पुलिस को 22 मई को सूचना मिली थी कि गंगा किनारे शुक्लागंज के मनोहर नगर स्थित झोपड़पट्टियों में कुछ संदिग्ध लोग रह रहे हैं, जो स्थानीय भाषा नहीं बोलते। गंगाघाट पुलिस की टीम मौके पर पहुंची और पूछताछ के दौरान तीन महिलाएं—अजीदा (36), सिनवारा बेगम (38) और नूर कायदा (22)—को हिरासत में लिया।
पूछताछ में उन्होंने स्वीकार किया कि वे म्यांमार के बुसीडोंग स्थित मोगांडो सिटी की निवासी हैं और असम के रास्ते भारत में दाखिल हुई थीं। उनके पास भारत में निवास का कोई वैध दस्तावेज नहीं था। जांच में पता चला कि उनके परिवार में कुल 10 सदस्य हैं, जिनमें पुरुष, महिलाएं और बच्चे शामिल हैं।
इससे पूर्व चेकिंग के दौरान पुलिस ने मोहम्मद साहिल नामक युवक को पकड़ा था। उसी के आधार पर पूरे परिवार की जानकारी सामने आई। कोतवाली प्रभारी पीके मिश्रा ने बताया कि नाम-पते की पुष्टि होने के बाद सभी के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।
गिरफ्तार तीनों महिलाओं को न्यायालय में पेश कर जेल भेज दिया गया है, जबकि शेष सात की तलाश जारी है। म्यांमार से आए अवैध प्रवासियों के विरुद्ध यह कार्रवाई विदेशी नागरिक सत्यापन अभियान के तहत की गई है। पुलिस प्रशासन द्वारा क्षेत्र में निगरानी और कड़ी की जा रही है।