स्टेट डेस्क, मुस्कान कुमारी |
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को चुनाव आयोग से केरल में चल रहे विशेष गहन संशोधन (SIR) की समय-सीमा को और आगे बढ़ाने पर गंभीरता से विचार करने को कहा। कोर्ट ने इसे “न्यायोचित और उचित अनुरोध” बताया।
स्थानीय निकाय चुनाव के बीच फंसा विवाद
केरल में 9 और 11 दिसंबर को स्थानीय निकाय चुनाव होने हैं, जबकि मतदाता सूची के विशेष गहन संशोधन (SIR) का काम भी एक साथ चल रहा है। पहले 4 दिसंबर तक निर्धारित समय-सीमा को चुनाव आयोग ने बढ़ाकर 11 दिसंबर कर दिया था। अब सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि इसे और बढ़ाया जाए ताकि चुनाव ड्यूटी में लगे अधिकारी-कर्मचारी भी अपना फॉर्म जमा कर सकें।
चीफ जस्टिस सूर्या कांत और जस्टिस जोयमाल्या बागची की पीठ ने चुनाव आयोग के वरिष्ठ अधिवक्ता राकेश द्विवेदी से कहा, “इसे और बढ़ा दीजिए, जो छूट गए हैं उन्हें भी मौका मिलेगा।”
आयोग को कल तक फैसला करने का निर्देश
कोर्ट ने केरल सरकार को चुनाव आयोग के समक्ष विस्तृत प्रतिवेदन देने की अनुमति दी जिसमें समय-सीमा बढ़ाने के सभी कारण बताए जाएंगे। आयोग को कल तक इस प्रस्ताव पर “निष्पक्ष और संवेदनशील” तरीके से फैसला करने को कहा गया है।
चुनाव आयोग का पक्ष : कोई बाधा नहीं
चुनाव आयोग ने कोर्ट को बताया कि SIR के कारण स्थानीय निकाय चुनाव में कोई रुकावट नहीं आ रही। इसके लिए अलग से 1.76 लाख कर्मचारी तैनात किए गए हैं, जबकि SIR के लिए 25,468 कर्मचारी अलग से काम कर रहे हैं। अब तक 98.8% फॉर्म बांटे जा चुके हैं और 80% फॉर्म डिजिटल हो चुके हैं।
राज्य चुनाव आयोग ने भी स्पष्ट किया कि उसे SIR से कोई दिक्कत नहीं है क्योंकि उसके कर्मचारी SIR ड्यूटी से मुक्त हैं।
प्रवासी मलयालियों की बड़ी समस्या
इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग की ओर से पेश अधिवक्ता हारिस बीरन ने कोर्ट को बताया कि केरल की खास समस्या यह है कि राज्य से 35 लाख से ज्यादा लोग खाड़ी देशों में रहते हैं। ऑनलाइन आवेदन देने के बावजूद बूथ लेवल अधिकारी (BLO) घर पर फिजिकल सत्यापन के लिए व्यक्ति की मौजूदगी मांगते हैं।
एनआरआई साल में मुश्किल से एक-दो बार भारत आते हैं, इसलिए लाखों लोग मतदाता सूची में नाम जुड़वाने से वंचित रह जाते हैं। कोर्ट ने कहा कि यह मुद्दा भी प्रतिवेदन में शामिल किया जाए।
सभी दलों ने मांगा था स्थगन: केरल सरकार, इंडियन यूनियन
मुस्लिम लीग, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष सनी जोसेफ, सीपीआई(एम) सचिव एम.वी. गोविंदन मास्टर और सीपीआई ने अलग-अलग याचिकाएं दायर कर SIR को स्थानीय निकाय चुनाव तक टालने की मांग की थी। पहले केरल हाईकोर्ट ने हस्तक्षेप से इनकार करते हुए सुप्रीम कोर्ट आने को कहा था।
कोर्ट ने स्पष्ट किया कि स्थानीय निकाय चुनाव पर कोई रोक नहीं है, सिर्फ SIR की समय-सीमा पर विचार किया जा रहा है।







