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कॉपर-टी हाथ में लिए बच्चे का जन्म, तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल

विदेश डेस्क, ऋषि राज |

ब्राजील के एक अस्पताल से आई एक अनोखी तस्वीर ने सोशल मीडिया पर तहलका मचा दिया है। इस तस्वीर में एक नवजात बच्चे के हाथ में कॉपर-टी यानी IUD (Intrauterine Device) देखा जा सकता है — वही गर्भनिरोधक उपकरण, जो उसकी मां ने गर्भधारण रोकने के लिए दो साल पहले लगवाया था। यह घटना चिकित्सा जगत के लिए भी चौंकाने वाली है, क्योंकि कॉपर-टी आमतौर पर गर्भ ठहरने से 99% तक रोकने में सक्षम होता है।

बच्चे का जन्म 

ब्राज़ील के नेरोपोलिस स्थित साग्राडो कोराक्सो डी जीसस अस्पताल में हाल ही में जन्मे इस बच्चे का नाम मैथ्यूस गेब्रियल रखा गया है। जब डॉक्टरों ने बच्चे का जन्म कराया, तो उन्हें कॉपर-टी डिवाइस भी बाहर निकलता हुआ मिला। डॉक्टरों ने मज़ाकिया अंदाज़ में वह डिवाइस बच्चे के हाथ में रख दिया, और फोटो ली — जिसे सोशल मीडिया पर शेयर करते ही यह तस्वीर वायरल हो गई।
तस्वीर में बच्चा अपनी छोटी सी मुट्ठी में कॉपर-टी को ऐसे पकड़े हुए दिखता है, जैसे किसी ने जीत की ट्रॉफी थाम रखी हो। डॉक्टरों ने इस पल को "चमत्कार" बताया, क्योंकि बच्चे का जन्म पूरी तरह सुरक्षित हुआ था, जबकि उसकी मां के शरीर में डिवाइस मौजूद था।

डॉक्टर ने साझा की पोस्ट

इस अनोखी घटना को साझा करने वाली डॉक्टर नतालिया रोड्रिग्स ने अपने इंस्टाग्राम पर तस्वीर और वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा —
“अपनी विनिंग ट्रॉफी पकड़े हुए — वह IUD जो मुझे रोक नहीं सका।”
यह पोस्ट कुछ ही घंटों में लाखों बार देखी गई और हजारों यूजर्स ने कमेंट्स में इसे “जीवन का चमत्कार” और “प्रकृति की ताकत” बताया।

कॉपर-टी क्या है?

कॉपर-टी एक छोटा T आकार का गर्भनिरोधक उपकरण है, जिसे महिला के गर्भाशय में लगाया जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य शुक्राणुओं को अंडाणु तक पहुंचने से रोकना होता है, ताकि गर्भधारण न हो सके।
यह एक बेहद विश्वसनीय गर्भनिरोधक माना जाता है और 5 से 10 साल तक प्रभावी रहता है। कॉपर-टी को 99% तक प्रभावी माना गया है, यानी हर 100 महिलाओं में सिर्फ 1 के गर्भवती होने की संभावना होती है।

डिवाइस के बावजूद गर्भधारण

रिपोर्ट के मुताबिक, बच्चे की मां अराउजो डी ओलिवेरा ने दो साल पहले यह डिवाइस लगवाया था। परंतु कुछ समय बाद एक नियमित स्वास्थ्य जांच में उन्हें पता चला कि वह गर्भवती हैं। डॉक्टरों के अनुसार, गर्भावस्था के दौरान डिवाइस निकालना जोखिम भरा था, इसलिए उसे वहीं छोड़ दिया गया।
प्रेग्नेंसी के दौरान ओलिवेरा को कई बार ब्लीडिंग और दर्द जैसी जटिलताओं का सामना करना पड़ा, लेकिन अंततः उन्होंने स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया। यह मामला इस बात का दुर्लभ उदाहरण है कि गर्भनिरोधक उपकरण भी कभी-कभी विफल हो सकता है।

इंटरनेट पर लोगों की प्रतिक्रिया

इस तस्वीर ने इंटरनेट पर भावनात्मक प्रतिक्रिया जगाई है। कई यूजर्स ने इसे “ईश्वर की मर्जी” बताया, तो कुछ ने कहा, “यह बच्चा वास्तव में चुना हुआ है।” वहीं, चिकित्सा विशेषज्ञों ने इस मामले को दुर्लभ और अध्ययन योग्य बताया है।

ब्राजील की यह घटना दिखाती है कि विज्ञान और प्रकृति दोनों की अपनी सीमाएं हैं। कॉपर-टी जैसी आधुनिक तकनीक भी कभी-कभी मातृत्व की शक्ति को नहीं रोक सकती। नवजात मैथ्यूस गेब्रियल की यह तस्वीर दुनिया को यह याद दिलाती है कि जीवन अपनी राह खुद बना लेता है, चाहे कितनी भी बाधाएं क्यों न हों।