
स्टेट डेस्क, वेरोनिका राय |
बिहार में गठबंधन की गांठ खुलने के आसार: RJD की ‘माई-बहिन मान योजना’ पर कांग्रेस ने जताया दावा, बढ़ी तकरार
बिहार की सियासत में महागठबंधन की एकता पर एक बार फिर सवाल उठने लगे हैं। आरजेडी (RJD) द्वारा शुरू की गई चर्चित 'माई-बहिन मान योजना' को लेकर कांग्रेस और RJD आमने-सामने आ गए हैं। कांग्रेस ने इस योजना पर दावा जताते हुए कहा है कि इसकी मूल अवधारणा कांग्रेस की थी, जिसे अब RJD ने अपने नाम से प्रचारित करना शुरू कर दिया है।
कांग्रेस ने बताया अपना विचार
बिहार कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अकील अहमद और विधायक शकील अहमद ने हाल ही में एक प्रेस कांफ्रेंस कर दावा किया कि “माई-बहिन मान योजना” कांग्रेस की सामाजिक न्याय और महिला सशक्तिकरण की सोच का हिस्सा रही है। उन्होंने कहा कि यह योजना कांग्रेस के आगामी घोषणा पत्र में भी शामिल की जाएगी और इसे लागू करने की दिशा में काम किया जाएगा। कांग्रेस नेताओं ने यह भी कहा कि योजना का मूल उद्देश्य मुस्लिम, यादव और दलित महिलाओं को आर्थिक और सामाजिक रूप से मजबूत बनाना है, जो कांग्रेस की प्राथमिकता रही है।
RJD ने किया कड़ा विरोध
इस दावे के बाद RJD ने कांग्रेस पर राजनीतिक ‘चोरी’ का आरोप लगाया। पार्टी के वरिष्ठ नेता मनोज झा ने कहा कि “माई-बहिन मान योजना” RJD का सामाजिक और राजनीतिक दृष्टिकोण है जिसे तेजस्वी यादव ने तैयार किया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को ऐसी ओछी राजनीति से बचना चाहिए। पार्टी के अन्य प्रवक्ताओं ने कांग्रेस पर महागठबंधन के भीतर असहयोगात्मक रवैया अपनाने का आरोप भी लगाया।
महागठबंधन में खटास
सूत्रों के मुताबिक, इस विवाद के बाद महागठबंधन के भीतर अविश्वास का माहौल बन गया है। इससे पहले भी सीट बंटवारे और नेतृत्व के सवाल पर दोनों दलों में ठनी रही थी। अब योजना को लेकर हो रही छीना-झपटी ने रिश्तों को और बिगाड़ दिया है। गठबंधन में शामिल छोटे दल भी स्थिति को लेकर असमंजस में हैं।
जानें क्या है ‘माई-बहिन मान योजना’
इस योजना की शुरुआत RJD ने हाल ही में की थी, जिसमें 'माई' यानी मुस्लिम-यादव और 'बहिन' यानी पिछड़े वर्ग की महिलाओं को हर महीने आर्थिक सहायता देने की बात की गई है। इसे RJD का सोशल इंजीनियरिंग मास्टरप्लान माना जा रहा था जो 2025 के विधानसभा चुनाव में पार्टी की रणनीति का हिस्सा है।
क्या टूटेगा गठबंधन?
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि अगर कांग्रेस और RJD के बीच सुलह नहीं हुई तो 2025 के विधानसभा चुनावों से पहले गठबंधन टूट सकता है। दोनों दल अपने-अपने वोट बैंक को मजबूत करने के लिए स्वतंत्र रणनीति अपना सकते है|
महागठबंधन में योजना को लेकर छिड़ी जंग ने बिहार की राजनीति में हलचल मचा दी है। 'माई-बहिन मान योजना' अब एक सामाजिक योजना भर नहीं, बल्कि सियासी वर्चस्व की लड़ाई बन चुकी है। आने वाले दिनों में इस विवाद का असर बिहार की गठबंधन राजनीति पर साफ दिखाई दे सकता है।