
स्टेट डेस्क, श्रेयांश पराशर l
महाराष्ट्र के गढ़चिरोली ज़िले में पुलिस ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए मुर्गों की लड़ाई पर सट्टा लगाने वाले गिरोह के 92 लोगों को गिरफ्तार किया है। यह घटना रंजी टोल्ला के घने जंगल क्षेत्र में सामने आई, जहां गुप्त रूप से इस अवैध गतिविधि को अंजाम दिया जा रहा था। पुलिस की इस कार्रवाई ने न केवल स्थानीय स्तर पर सनसनी फैला दी, बल्कि इस बात को भी उजागर किया कि ग्रामीण व दूरदराज़ क्षेत्रों में अब भी अवैध जुए और सट्टेबाज़ी के नेटवर्क सक्रिय हैं।
मुर्गों की लड़ाई पर सट्टा लगाना न सिर्फ़ गैरकानूनी है, बल्कि यह क्रूरता और अमानवीयता से भी जुड़ा हुआ है। जानवरों के अधिकारों के दृष्टिकोण से भी यह गंभीर अपराध है क्योंकि इस खेल में पक्षियों को चोटिल किया जाता है और अक्सर उनकी जान भी चली जाती है। ऐसे में गढ़चिरोली पुलिस का यह कदम पशु क्रूरता रोकने और जुए पर लगाम लगाने की दिशा में सराहनीय है।
यह घटना यह भी दर्शाती है कि आधुनिक तकनीक और कड़े कानूनों के बावजूद समाज में अवैध गतिविधियों के लिए जगह बनी रहती है। खासकर ग्रामीण और आदिवासी बहुल इलाकों में मनोरंजन व खेल के साधनों की कमी के कारण लोग इस तरह के गैरकानूनी आयोजनों की ओर आकर्षित होते हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि केवल गिरफ्तारी पर्याप्त नहीं है, बल्कि ऐसे क्षेत्रों में जागरूकता अभियान चलाना, वैकल्पिक खेलकूद को बढ़ावा देना और रोजगार के अवसर पैदा करना ज़रूरी है। तभी इस तरह की गतिविधियों पर स्थायी रूप से रोक लगाई जा सकेगी।
गढ़चिरोली पुलिस की कार्रवाई एक चेतावनी है कि अवैध सट्टेबाज़ी और पशु क्रूरता को किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। यह घटना समाज को यह संदेश देती है कि कानून से ऊपर कोई नहीं है और अवैध कार्य करने वालों पर सख़्त कार्रवाई होगी।