विदेश डेस्क, ऋषि राज |
गाजा में लंबे समय से जारी युद्ध के बीच सोमवार को एक ऐतिहासिक मोड़ आया जब हमास ने 20 इजरायली बंधकों को रिहा किया, जिसके बदले में इजरायल ने भी फलस्तीनी कैदियों की रिहाई शुरू की। यह रिहाई अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मध्यस्थता से संभव हुई, जिन्होंने गाजा युद्ध के समापन की घोषणा की और पूरे क्षेत्र से शांति और पुनर्निर्माण की दिशा में काम करने की अपील की।
हमास ने रिहा किए बंधक, इजरायल ने भी दिया जवाब
हमास ने सोमवार को तय कार्यक्रम के तहत 20 इजरायली नागरिकों को रिहा किया, जिन्हें रेडक्रॉस की मदद से गाजा से इजरायल के रेईम सैन्य अड्डे तक लाया गया। यहां उनका स्वास्थ्य परीक्षण किया गया और कई ने बाहर खड़े लोगों का अभिवादन किया। इस भावनात्मक क्षण ने तेल अवीव और पूरे इजरायल में राहत और जश्न का माहौल बना दिया।
इसके बाद इजरायल ने भी करीब 2,000 फलस्तीनी कैदियों की रिहाई की प्रक्रिया शुरू कर दी। यह कदम ट्रंप की शांति योजना का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य मध्य-पूर्व में स्थायी शांति स्थापित करना है।
ट्रंप की शांति घोषणा और इजरायल दौरा
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने तेल अवीव पहुंचकर इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से मुलाकात की और संसद नेसेट को संबोधित किया। उन्होंने कहा,"आकाश अब शांत है, बंदूकें थम चुकी हैं, और सायरन नहीं बज रहे। अब समय है कि आतंक पर मिली जीत को स्थायी शांति और तरक्की में बदला जाए।”
ट्रंप ने स्पष्ट किया कि हमास को हथियार छोड़ने और गाजा की सत्ता से हटने का संकल्प लेना होगा। उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका मध्य-पूर्व के देशों के साथ मिलकर इस समझौते को मजबूत बनाएगा।
ट्रंप के भाषण के दौरान नेसेट के स्पीकर आमिर ओहाना ने उन्हें “2026 नोबेल शांति पुरस्कार” के लिए नामित करने का प्रस्ताव रखा। नेतन्याहू ने उन्हें “इजरायल का अब तक का सबसे अच्छा मित्र” बताया। ट्रंप का यह दौरा करीब चार घंटे चला, जिसमें उन्होंने गाजा पुनर्निर्माण और क्षेत्रीय सहयोग पर चर्चा की।
युद्ध का भयावह इतिहास
यह कदम उस भयावह संघर्ष के बाद आया है जो 7 अक्टूबर 2023 को शुरू हुआ था, जब हमास ने इजरायली शहरों पर हमला कर 1,200 नागरिकों की हत्या और 251 लोगों का अपहरण किया था। इसके बाद इजरायल ने गाजा पट्टी पर व्यापक सैन्य अभियान चलाया, जिसमें लगभग 67,000 फलस्तीनी मारे गए और लाखों लोग बेघर हो गए। अब जबकि युद्धविराम लागू है, गाजा का पुनर्निर्माण और विस्थापित परिवारों की वापसी सबसे बड़ी चुनौती बन गई है।
पीएम मोदी ने ट्रंप के प्रयासों की सराहना की
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस ऐतिहासिक विकास पर खुशी जताई और अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप की ईमानदार मध्यस्थता की सराहना की। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म एक्स पर लिखा- "हम सभी बंधकों की रिहाई का स्वागत करते हैं। यह राष्ट्रपति ट्रंप के अथक शांति प्रयासों और प्रधानमंत्री नेतन्याहू के दृढ़ संकल्प का प्रतीक है। भारत स्थायी और न्यायपूर्ण शांति के हर प्रयास का समर्थन करता रहेगा।”
मोदी ने कहा कि यह रिहाई “परिवारों के साहस और मानवता की जीत” का उदाहरण है और उम्मीद जताई कि आने वाले दिनों में मध्य-पूर्व स्थायी शांति की दिशा में आगे बढ़ेगा।
हमास और इजरायल के बीच यह बंधक विनिमय समझौता गाजा युद्ध के बाद पहली ठोस शांति पहल के रूप में देखा जा रहा है। इसमें अमेरिकी नेतृत्व की निर्णायक भूमिका रही, जिसने दोनों पक्षों को संवाद की मेज पर लाया। ट्रंप की इस सफलता को अंतरराष्ट्रीय समुदाय एक “ऐतिहासिक मोड़” के रूप में देख रहा है; जो मध्य-पूर्व को युद्ध की राख से शांति की ओर ले जा सकता है।







