Ad Image
Ad Image
दिल्ली पुलिस ने साइबर अपराधियों के लिए चलाया साईं हॉक अभियान, 48 घंटे में 800 गिरफ्तार || झारखंड की मंत्री दीपिका पाण्डेय का EC पर हमला, SIR के कारण हारा महागठबंधन || पूर्वी चंपारण के रक्सौल में VIP पार्टी के अनुमंडल प्रमुख की गोली मार हत्या || राष्ट्रपति ट्रंप ने यूक्रेन से शांति समझौते के प्रस्ताव को जल्दी स्वीकार करने का आग्रह किया || ईरान पर अमेरिका की सख्ती, आज नए प्रतिबंधों का किया ऐलान || BJP को 90 पर लीड, JDU को 80 पर लीड, महागठबंधन फेल || नीतीश कुमार CM हैं और आगे भी रहेंगे: जेडीयू की प्रतिक्रिया || NDA को शानदार बढ़त, 198 पर लीड जबकि महागठबंधन को 45 पर लीड || तुर्की : सैन्य विमान दुर्घटना में मृत सभी 20 सैनिकों के शव बरामद || RJD के एम एल सी सुनील सिंह का भड़काऊ बयान, DGP के आदेश पर FIR

The argument in favor of using filler text goes something like this: If you use any real content in the Consulting Process anytime you reach.

  • img
  • img
  • img
  • img
  • img
  • img

Get In Touch

चक्रवात ‘मोंथा’ का कहर, 100 किमी रफ्तार से आंध्र तट पर टकराया

नेशनल डेस्क, वेरॉनिका राय |

चक्रवाती तूफान ‘मोंथा’ (Cyclone Motha) मंगलवार शाम को आंध्र प्रदेश के तटीय इलाकों से लगभग 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से टकराया। इस दौरान तेज हवाओं और भारी बारिश ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया। तूफान के चलते एक महिला की मौत हो गई और दो लोग घायल हुए हैं। तूफान के कमजोर पड़ने के बावजूद, 15 जिलों में इसका असर देखने को मिला है।

कैसे और कब पहुंचा 'मोंथा'?

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार, चक्रवात मोंथा ने मंगलवार शाम करीब 7 बजे आंध्र प्रदेश के तट को पार किया। यह प्रणाली काकीनाडा के पास मछलीपट्टनम और कलिंगपट्टनम के बीच से गुज़री। रात भर तेज हवाएं और भारी वर्षा होती रही, जिससे कई जिलों में बिजली और संचार सेवाएं बाधित रहीं।

IMD ने बताया कि अब यह चक्रवात ओडिशा की ओर बढ़ गया है, लेकिन धीरे-धीरे इसकी तीव्रता कमजोर हो रही है। हालांकि, ओडिशा के तटीय जिलों में भी भारी बारिश और तेज हवाओं की चेतावनी जारी की गई है।

जान-माल का नुकसान

तूफान से अब तक एक व्यक्ति की मौत और दो लोगों के घायल होने की पुष्टि हुई है।

  • मृतक महिला की पहचान कोनासीमा जिले की एक बुजुर्ग के रूप में हुई है, जिनके घर पर पेड़ गिर गया।
  • इसके अलावा, नारियल के पेड़ गिरने से एक लड़का और एक ऑटो चालक घायल हुए हैं।

  राज्य सरकार ने प्रभावित परिवारों को आर्थिक सहायता देने का आश्वासन दिया है।

किन जिलों में पड़ा सबसे ज्यादा असर?

मोंथा तूफान का सबसे अधिक प्रभाव आंध्र प्रदेश के अल्लूरी सीताराम राजू, काकीनाडा, कृष्णा, एलुरु, पूर्वी गोदावरी, पश्चिमी गोदावरी, डॉ. बी.आर. अंबेडकर कोनासीमा, और रामपचोदवरम जिलों में देखा गया। इन जिलों में तेज हवाओं के कारण पेड़, बिजली के खंभे और कई कच्चे घर गिर गए।

राज्य सरकार ने मंगलवार रात 8:30 बजे से बुधवार सुबह 6 बजे तक इन सात जिलों में सभी वाहनों की आवाजाही पर रोक लगा दी थी ताकि राहत कार्य सुचारू रूप से किए जा सकें।

फसलों को भारी नुकसान की आशंका

IMD ने चेतावनी दी है कि तूफान के कारण निचले इलाकों में धान और सब्जियों की फसलों को नुकसान हो सकता है। किसानों को सलाह दी गई है कि खेतों से अतिरिक्त पानी निकालें ताकि फसलों को और नुकसान से बचाया जा सके।

सरकार की तैयारियां और राहत कार्य

राज्य सरकार ने चक्रवात से निपटने के लिए पहले से ही व्यापक तैयारी कर रखी थी।

  • 81 वायरलेस टावर और 21 बड़े लैंप लगाए गए ताकि संचार व्यवस्था बनी रहे।
  • 1,447 अर्थमूवर, 321 ड्रोन, और 1,040 चेनसॉ मशीनें पेड़ और मलबा हटाने के लिए तैयार रखी गईं।
  • सरकार ने 3.6 करोड़ अलर्ट मैसेज भेजकर लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की चेतावनी दी थी।

मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने स्थिति की समीक्षा की और अधिकारियों को राहत एवं बचाव कार्य तेज़ करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्राथमिकता लोगों की सुरक्षा और बिजली-पानी की बहाली पर दी जाए।

कहां हुई सबसे ज्यादा बारिश?

मंगलवार सुबह 8:30 बजे से शाम 4 बजे तक, नेल्लोर जिले के उलवापाडु में 12.6 सेमी बारिश दर्ज की गई। इसके अलावा:

  • कावली में 12.2 सेमी
  • दगदर्थी में 12 सेमी
  • सिंगरायकोंडा में 10.5 सेमी
  • बी. कोदुर में 6 सेमी
  • विशाखापत्तनम और तुनी में 2 सेमी वर्षा रिकॉर्ड की गई।

अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को बताया कि नेल्लोर जिला सबसे ज्यादा बारिश झेलने वाला इलाका रहा है।

‘मोंथा’ का क्या मतलब है?

‘मोंथा’ शब्द थाई भाषा से लिया गया है, जिसका अर्थ होता है “सुगंधित फूल”। हालांकि इस बार इस नाम ने आंध्र प्रदेश और ओडिशा के लोगों के लिए भय और नुकसान की यादें छोड़ दी हैं। हालांकि अब चक्रवात मोंथा कमजोर पड़ चुका है, लेकिन इसके असर से सैकड़ों गांवों में जनजीवन प्रभावित हुआ है। प्रशासन की त्वरित कार्रवाई और पहले से की गई तैयारियों की वजह से बड़े पैमाने पर नुकसान टल गया। फिलहाल सरकार ने सभी जिलों में राहत कार्य जारी रखे हैं और प्रभावित लोगों को हरसंभव सहायता देने का आश्वासन दिया है।