Ad Image
Ad Image
दिल्ली पुलिस ने साइबर अपराधियों के लिए चलाया साईं हॉक अभियान, 48 घंटे में 800 गिरफ्तार || झारखंड की मंत्री दीपिका पाण्डेय का EC पर हमला, SIR के कारण हारा महागठबंधन || पूर्वी चंपारण के रक्सौल में VIP पार्टी के अनुमंडल प्रमुख की गोली मार हत्या || राष्ट्रपति ट्रंप ने यूक्रेन से शांति समझौते के प्रस्ताव को जल्दी स्वीकार करने का आग्रह किया || ईरान पर अमेरिका की सख्ती, आज नए प्रतिबंधों का किया ऐलान || BJP को 90 पर लीड, JDU को 80 पर लीड, महागठबंधन फेल || नीतीश कुमार CM हैं और आगे भी रहेंगे: जेडीयू की प्रतिक्रिया || NDA को शानदार बढ़त, 198 पर लीड जबकि महागठबंधन को 45 पर लीड || तुर्की : सैन्य विमान दुर्घटना में मृत सभी 20 सैनिकों के शव बरामद || RJD के एम एल सी सुनील सिंह का भड़काऊ बयान, DGP के आदेश पर FIR

The argument in favor of using filler text goes something like this: If you use any real content in the Consulting Process anytime you reach.

  • img
  • img
  • img
  • img
  • img
  • img

Get In Touch

चुनाव आयोग की सख्ती: 474 राजनीतिक दलों का पंजीकरण रद्द

नेशनल डेस्क, नीतीश कुमार |

चुनाव आयोग ने गैर-मान्यता प्राप्त पंजीकृत दलों पर सख्त कदम उठाया है। आयोग ने 474 राजनीतिक पार्टियों का पंजीकरण रद्द कर दिया है। इससे पहले अगस्त में भी आयोग ने कार्रवाई करते हुए 334 दलों का रजिस्ट्रेशन खत्म किया था। जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 के अनुसार किसी भी पंजीकृत राजनीतिक दल को चुनावी प्रक्रिया में भाग लेना जरूरी है। यदि कोई दल लगातार छह वर्षों तक चुनाव में हिस्सा नहीं लेता, तो उसका पंजीकरण रद्द कर दिया जाता है। इसी नियम के तहत यह कार्रवाई की गई है। इस तरह अगस्त से अब तक कुल 808 दलों का पंजीकरण समाप्त हो चुका है।

किसी पंजीकृत राजनीतिक दल को टैक्स छूट सहित कई सुविधाएं मिलती हैं। लेकिन जो दल छह साल से चुनाव नहीं लड़ रहे थे, वे इन रियायतों का लाभ उठा रहे थे, जिसके चलते यह ऐक्शन लिया गया। नियमों के मुताबिक, यदि कोई दल छह वर्षों तक चुनावी प्रक्रिया से दूर रहता है तो उसका पंजीकरण खत्म किया जा सकता है। 2019 से ही आयोग उन दलों पर कार्रवाई कर रहा है, जो चुनाव में सक्रिय नहीं हैं। इसी क्रम में 9 अगस्त को पहला और 18 सितंबर को दूसरा ऐक्शन हुआ। दो महीनों में कुल 808 पार्टियों का रजिस्ट्रेशन रद्द किया गया।

इसके अलावा 359 अन्य दल भी निगरानी में हैं, जिन्होंने पिछले छह वर्षों में चुनाव तो लड़ा है, लेकिन तीन सालों से वित्तीय ऑडिट की जानकारी प्रस्तुत नहीं की है। जिन दलों पर कार्रवाई हुई है, वे 23 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में पंजीकृत थे। इनमें सर्वाधिक 121 दल उत्तर प्रदेश के थे। इसके अलावा बिहार के 15, हरियाणा के 17 और मध्य प्रदेश के 23 दलों का पंजीकरण समाप्त हुआ। महाराष्ट्र के 44 और पंजाब के 21 दलों का रजिस्ट्रेशन भी रद्द कर दिया गया है।