स्टेट डेस्क, नीतीश कुमार।
बिहार के छपरा जिले में एक शिक्षक को राजनीतिक गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में निलंबित कर दिया गया है। जिला प्रशासन के अनुसार, यह कार्रवाई तब की गई जब उस शिक्षक का राजनीतिक कार्यक्रम में भाग लेने का वीडियो और फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। जिलाधिकारी अमन समीर के निर्देश पर शिक्षा विभाग ने इसे गंभीर अनुशासनहीनता मानते हुए तत्काल प्रभाव से निलंबन का आदेश जारी किया और विभागीय जांच शुरू कर दी है।
जिला शिक्षा पदाधिकारी निशांत किरण ने बताया कि मशरख प्रखंड के घोघिया उत्तर टोला स्थित प्राथमिक विद्यालय में कार्यरत विशिष्ट शिक्षक धर्मेन्द्र कुमार सिंह, जो बीएलओ (बूथ लेवल ऑफिसर) के रूप में भी तैनात थे, पर एक राजनीतिक दल की जनसभा में शामिल होने का आरोप है। सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो और फोटो की पुष्टि बनियापुर विधानसभा क्षेत्र के सहायक निर्वाचन पदाधिकारी सह मशरख अंचलाधिकारी ने की, जिसके आधार पर मशरख थाने में कांड संख्या 01/2025, दिनांक 20 अक्टूबर 2025 के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई।
इस पर जिलाधिकारी सह जिला निर्वाची पदाधिकारी अमन समीर ने सभी सरकारी कर्मचारियों को चेताया कि वे पूरी तरह निष्पक्ष रहें और ऐसा आचरण भी प्रदर्शित करें। उन्होंने कहा कि आदर्श आचार संहिता के दौरान किसी भी कर्मचारी की राजनीतिक संलिप्तता बर्दाश्त नहीं की जाएगी और ऐसे मामलों में तत्काल कार्रवाई सुनिश्चित होनी चाहिए, ताकि चुनाव प्रक्रिया की निष्पक्षता पर सवाल न उठे।
आचार संहिता लागू होने के बाद सरकारी कर्मचारियों को किसी राजनीतिक गतिविधि में भाग लेने की अनुमति नहीं होती, फिर भी संबंधित शिक्षक का सभा में उपस्थित होना न केवल आचार संहिता का उल्लंघन है, बल्कि सरकारी सेवक (आचरण) नियमावली का भी स्पष्ट उल्लंघन है।
इसी कारण उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित करते हुए विभागीय कार्रवाई आरंभ कर दी गई है। जांच पूरी होने तक वे शिक्षा विभाग के नियंत्रण में रहेंगे और नियमानुसार निर्वाह भत्ता प्राप्त करेंगे। जिला प्रशासन अब ऐसे सभी मामलों पर सख्त निगरानी रख रहा है ताकि चुनावी आचार संहिता के पालन का उदाहरण स्थापित किया जा सके। यह मामला सरकारी कर्मियों के लिए चेतावनी है कि वे अपनी पद मर्यादा और राजनीतिक निष्पक्षता बनाए रखें।







