
स्टेट डेस्क, प्रीति पायल |
जयपुर SMS अस्पताल में भीषण आग: 8 मरीजों की मौत, डॉक्टरों पर भागने का आरोप....
राजस्थान की राजधानी जयपुर स्थित सवाई मान सिंह अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर में रविवार (5 अक्टूबर 2025) रात्रि 11:10 बजे एक भीषण अग्निकांड हुआ। दूसरी मंजिल के ट्रॉमा आईसीयू में शॉर्ट सर्किट से लगी आग ने 8 मरीजों की जान ले ली, जबकि 5 अन्य की स्थिति नाजुक बनी हुई है।
आग लगने का मुख्य कारण शॉर्ट सर्किट बताया जा रहा है। इलेक्ट्रिकल उपकरणों से निकली विषाक्त गैसों ने पूरे वार्ड को अपनी चपेट में ले लिया। ट्रॉमा आईसीयू में 11 और सेमी-आईसीयू में 13 मरीज भर्ती थे, कुल 24 मरीज प्रभावित हुए। दमकल की दर्जनभर गाड़ियों ने मौके पर पहुंचकर बचाव कार्य किया। चिकित्साकर्मी, नर्सिंग स्टाफ और पुलिसकर्मियों ने मिलकर मरीजों को निकाला। एक घंटे की कड़ी मेहनत के बाद आग पर काबू पाया गया।
अधिकांश मरीज दुर्घटनाओं में गंभीर रूप से घायल होकर बेहोशी या कोमा की अवस्था में थे। इसके कारण वे स्वयं बचने में असमर्थ रहे। धुएं और जहरीली गैसों से दम घुटने तथा जलने से मौतें हुईं। बचे हुए मरीजों को निचली मंजिल के आईसीयू में स्थानांतरित किया गया।
पीड़ित परिवारों ने अस्पताल प्रशासन पर गंभीर लापरवाही के आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि आग लगने से 20 मिनट पूर्व चिंगारियां दिखीं, लेकिन डॉक्टरों ने अनदेखी की। एक परिजन ओमप्रकाश ने बताया कि उन्होंने कई बार चेतावनी दी, परंतु चिकित्सकों ने इसे नजरअंदाज किया।
भरतपुर निवासी मृतका रुक्मणि देवी के भाई दिलीप सिंह का आरोप है कि डॉक्टर और गार्ड सभी भाग गए। फायर ब्रिगेड के एक घंटे बाद पहुंचने तक मरीज जल चुके थे।
मृतकों में आगरा की सर्वेश देवी, भरतपुर की रुक्मणि देवी सहित 8 लोग शामिल हैं, जिनमें 3 महिलाएं हैं। अधिकांश एक्सीडेंट के मामले थे जो इलाज के लिए दूर से आए थे।
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने घटनास्थल का दौरा किया और मृतकों के परिजनों को 5-5 लाख रुपये मुआवजे की घोषणा की। 3-दिवसीय जांच समिति गठित की गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शोक व्यक्त किया है।
यह घटना राज्य के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल की सुरक्षा व्यवस्था पर प्रश्नचिह्न लगा रही है। जांच में लापरवाही सिद्ध होने पर कड़ी कार्रवाई की अपेक्षा है।