
विदेश डेस्क, नीतीश कुमार |
टोक्यो मंच से PM Modi: जापान की तकनीक और भारत की प्रतिभा मिलकर एशिया को नई दिशा देंगे
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने टोक्यो में शुक्रवार को भारत-जापान आर्थिक मंच को संबोधित करते हुए जापान को भारत के विकास में महत्वपूर्ण भागीदार बताया। उन्होंने जापानी व्यापारिक समुदाय से निर्माण, तकनीक, आधुनिक अवसंरचना, हरित ऊर्जा और कौशल संवर्धन के क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने का अनुरोध किया।
तकनीकी क्रांति में नेतृत्व की संभावना
प्रधानमंत्री ने जापान की तकनीकी विशेषज्ञता और भारत की मानव क्षमता के संयोजन को इस शताब्दी की तकनीकी क्रांति का नेतृत्व करने में सक्षम बताया। उन्होंने कहा कि दोनों राष्ट्र मिलकर एशिया को स्थिरता, प्रगति और खुशहाली की नई दिशा प्रदान कर सकते हैं।
सहयोग के क्षेत्र;
मोदी ने विशेष रूप से निम्नलिखित क्षेत्रों में सहयोग पर बल दिया:
- कृत्रिम बुद्धिमत्ता और सेमीकंडक्टर
- क्वांटम कंप्यूटिंग और जैव प्रौद्योगिकी
- अंतरिक्ष तकनीक
- बैटरी निर्माण और रोबोटिक्स
- पोत निर्माण और परमाणु ऊर्जा
- मौजूदा सफल परियोजनाएं
प्रधानमंत्री ने मुंबई-अहमदाबाद हाई-स्पीड रेल परियोजना का उल्लेख करते हुए कहा कि यह जापानी सहयोग का उदाहरण है। उन्होंने सुजुकी और डाइकिन जैसी कंपनियों की भारत में सफलता को भी रेखांकित किया।
भारत की आर्थिक स्थिति
श्री मोदी ने भारत की राजनीतिक और आर्थिक स्थिरता का जिक्र करते हुए बताया कि देश विश्व की सबसे तेज़ी से बढ़ने वाली प्रमुख अर्थव्यवस्था है और जल्द ही दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की दिशा में है।
रणनीतिक साझेदारी
प्रधानमंत्री ने भारत-जापान संबंधों को रणनीतिक और बुद्धिमत्तापूर्ण साझेदारी करार दिया। उन्होंने कहा कि जापान की उत्कृष्टता और भारत के पैमाने का मेल एक आदर्श गठजोड़ बना सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत जापानी व्यवसायों के लिए ग्लोबल साउथ, खासकर अफ्रीका में प्रवेश का माध्यम बन सकता है।
मोदी ने "मेक इन इंडिया, मेक फॉर द वर्ल्ड" का नारा देते हुए जापानी उद्योगपतियों से भारत के साथ मिलकर काम करने का आग्रह किया।