स्टेट डेस्क, नीतीश कुमार।
जेडीयू ने बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए अपने सभी 101 उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी है। एनडीए में हुए सीट बंटवारे के तहत जेडीयू को 101 सीटें मिली हैं। पार्टी ने उम्मीदवारों की लिस्ट दो चरणों में जारी की और जातीय समीकरणों को ध्यान में रखकर टिकट बांटे हैं। आधे से ज्यादा टिकट पिछड़ा और अति पिछड़ा वर्ग को दिए गए हैं, जबकि मुस्लिम उम्मीदवारों की संख्या इस बार घटाई गई है। पिछले चुनाव में जहां जेडीयू ने 10 मुस्लिम उम्मीदवार उतारे थे, वहीं इस बार केवल चार को मौका दिया गया है। आइए समझते हैं कि नीतीश कुमार की इस सोशल इंजीनियरिंग में क्या रणनीति रही है।
अगर जेडीयू की सूची पर नज़र डालें तो कुल 101 उम्मीदवारों में से 37 पिछड़ा वर्ग, 22 अति पिछड़ा वर्ग, 22 सामान्य वर्ग, 15 अनुसूचित जाति, चार अल्पसंख्यक, एक अनुसूचित जनजाति और 13 महिलाएं हैं। यानी 59 सीटें पिछड़ों और अति पिछड़ों के खाते में गई हैं। जबकि 2023 के जातीय सर्वेक्षण के अनुसार, बिहार में पिछड़ों की आबादी 27.12% और अति पिछड़ों की 36.01% है। इसके बावजूद नीतीश कुमार ने टिकट आबादी के अनुपात में नहीं, बल्कि अपने लव-कुश फार्मूले के हिसाब से बांटे हैं। पिछड़े वर्ग को दिए गए 37 टिकटों में से 33 केवल कुशवाहा, कुर्मी और यादव समुदाय को मिले हैं, जबकि बाकी चार टिकट अन्य 27 जातियों में बंटे हैं। अति पिछड़ों की 112 जातियों में से सिर्फ 22 उम्मीदवारों को मौका दिया गया है।
अनुसूचित जाति वर्ग में जेडीयू को कुल 38 में से 15 सीटें मिली हैं। बिहार की 23 दलित जातियों में से सिर्फ छह को टिकट मिले हैं। मुसहर-मांझी और रविदास (चमार) को पांच-पांच, पासी को दो, पासवान (दुसाध), धोबी और डोम को एक-एक टिकट। दलितों में सबसे ज्यादा टिकट मुसहर और रविदास समुदाय को दिए गए हैं, जबकि जनसंख्या में बड़ा हिस्सा रखने वाली पासवान जाति को सिर्फ एक टिकट मिला है, जिसे नीतीश-चिराग पासवान के रिश्तों से जोड़कर देखा जा रहा है।
सवर्णों की बात करें तो जेडीयू ने 10 राजपूत, नौ भूमिहार, दो ब्राह्मण और एक कायस्थ उम्मीदवार उतारे हैं। यानी कुल 22 टिकट सवर्णों को मिले हैं, जो करीब 22% है। जबकि जातीय सर्वेक्षण के अनुसार, सामान्य वर्ग की आबादी 15.52% है।
मुस्लिम उम्मीदवारों की संख्या घटाकर जेडीयू ने सिर्फ चार नामों पर भरोसा जताया है जिनमें अररिया से शगुफ्ता अजीम, जोकीहाट से मंजर आलम, अमौर से सबा जफर और चैनपुर से जमा खान। इनमें दो महिलाएं हैं और चार में से तीन उम्मीदवार सीमांचल क्षेत्र से हैं। इन सीटों पर मुस्लिम उम्मीदवार उतारकर जेडीयू ने सीमांचल की लड़ाई को और दिलचस्प बना दिया है, जहां राजद और एआईएमआईएम भी अपने मुस्लिम प्रत्याशी उतारने की संभावना है।







