लोकल डेस्क, आर्या कुमारी |
गोपालगंज सदर सीट से विधायक कुसुम देवी का टिकट कटने पर वे भावुक हो उठीं। उनके बेटे ने भी इस फैसले पर नाराजगी जताई। कुसुम देवी के समर्थक भी निराश हैं और उन्होंने पार्टी से फैसले पर पुनर्विचार की मांग की है। समर्थकों का कहना है कि विधायक ने अपने कार्यकाल में क्षेत्र के विकास के लिए काफी काम किया है।
भाजपा ने सदर विधानसभा सीट से वर्तमान विधायक कुसुम देवी की जगह बैकुंठपुर के विधायक मिथिलेश तिवारी को उम्मीदवार बनाकर जिले की राजनीति में हलचल मचा दी। फैसले के बाद बुधवार शाम कुसुम देवी ने अपने आवास पर प्रेस वार्ता की, जहां वे खुद को संभाल नहीं पाईं और फफक कर रो पड़ीं। विधायक को रोते देख समर्थक भी भावुक हो गए और कई की आंखें नम हो गईं।
कुसुम देवी ने कहा, “मेरे पति स्वर्गीय सुभाष सिंह चार बार विधायक रहे और बिहार सरकार में मंत्री भी बने। उनके निधन के बाद पार्टी ने मुझ पर भरोसा जताया था, और जनता के आशीर्वाद से हम विजयी हुए। हमने हमेशा पार्टी और कमल निशान के लिए पूरी निष्ठा से काम किया, लेकिन आज पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने हमें धोखा दिया है।”
उनके पुत्र अनिकेत सिंह भी मां को रोते देख मंच पर ही फफक पड़े। उन्होंने कहा, “हमारा परिवार हमेशा भाजपा की सेवा में समर्पित रहा है, लेकिन आज जिस तरह का व्यवहार किया गया, उससे कार्यकर्ताओं का मनोबल टूट गया है।”
अनिकेत सिंह ने बैकुंठपुर से प्रत्याशी बनाए गए मिथिलेश तिवारी पर निशाना साधते हुए कहा कि “उन्हें बाहर से लाकर यहां थोपा गया है।” वहीं, मौके पर मौजूद समर्थकों ने मिथिलेश तिवारी के खिलाफ नारेबाजी करते हुए पार्टी के निर्णय का विरोध किया। अनिकेत सिंह ने कहा कि “आने वाले दिनों में अपने लोगों से चर्चा कर अगली रणनीति तय की जाएगी।” संकेत मिल रहे हैं कि वे निर्दलीय रूप से चुनाव मैदान में उतरने पर विचार कर सकते हैं।







