Ad Image
Ad Image
टाइफून मातमो तूफान को लेकर चीन में ऑरेंज अलर्ट, सेना तैयार || हमास बंधकों को करेगा रिहा, राष्ट्रपति ट्रंप ने गाजा पर बमबारी रोकने को कहा || पहलगाम हमले के बाद पता चला कौन भारत का असली मित्र: मोहन भागवत || भारत के साथ व्यापार असंतुलन कम करने का अपने अधिकारियों को पुतिन का आदेश || मेक्सिको की राष्ट्रपति शीनबाम की इजरायल से अपील, हिरासत में लिए मेक्सिको के नागरिकों को जल्दी रिहा करें || शास्त्रीय गायक पद्मविभूषण छन्नूलाल मिश्र का मिर्जापुर में निधन, PM मोदी ने दी श्रद्धांजलि || स्वदेशी और आत्मनिर्भरता का कोई विकल्प नहीं: मोहन भागवत || अमित शाह ने कहा, देश अगले 31 मार्च तक नक्सलवादी लाल आतंक से मुक्त होगा || भारतीय क्रिकेट टीम ने जीता एशिया कप, PM समेत पूरे देश ने दी बधाई || तमिलनाडु: एक्टर विजय की रैली में भगदड़, 31 की मौत, 40 से ज्यादा घायल

The argument in favor of using filler text goes something like this: If you use any real content in the Consulting Process anytime you reach.

  • img
  • img
  • img
  • img
  • img
  • img

Get In Touch

ट्रंप के अतिरिक्त टैरिफ से नवंबर में भारत को मिल सकती है राहत

विदेश डेस्क, ऋषि राज |

ट्रंप के अतिरिक्त टैरिफ से नवंबर में भारत को मिल सकती है राहत, CEA नागेश्वरन का बड़ा बयान

भारत और अमेरिका के बीच लंबे समय से चले आ रहे व्यापारिक तनाव में अब राहत की उम्मीद दिखाई दे रही है। मुख्य आर्थिक सलाहकार (CEA) वी. अनंत नागेश्वरन ने संकेत दिया है कि अमेरिका द्वारा लगाए गए कड़े अतिरिक्त टैरिफ 30 नवंबर के बाद हट सकते हैं। यह कदम भारत के उद्योग जगत और उपभोक्ताओं दोनों के लिए राहत भरा साबित हो सकता है।

व्यापारियों का वाणिज्य एवं उद्योग मंडल द्वारा आयोजित कार्यक्रम में नागेश्वरन ने कहा कि अमेरिका द्वारा लगाए गए 25 प्रतिशत पारस्परिक टैरिफ और 25 प्रतिशत दंडात्मक टैरिफ अप्रत्याशित थे। उन्होंने स्पष्ट किया कि संभवतः भू-राजनीतिक परिस्थितियों के चलते दंडात्मक शुल्क लगाया गया, लेकिन हाल के घटनाक्रम को देखते हुए अब इसके हटने की संभावना प्रबल है।

उन्होंने कहा, “मेरी सहज धारणा है कि 30 नवंबर के बाद दंडात्मक टैरिफ नहीं रहेगा। मुझे विश्वास है कि आने वाले महीनों में न केवल दंडात्मक बल्कि पारस्परिक टैरिफ पर भी समाधान निकल आएगा।”

उद्योग जगत और उपभोक्ताओं को राहत

विशेषज्ञों का मानना है कि यदि यह टैरिफ हटा लिया गया तो भारत से अमेरिका को निर्यात करने वाले उद्योगों को बड़ी राहत मिलेगी। वस्त्र, स्टील, ऑटो कंपोनेंट्स और फार्मा जैसे क्षेत्रों को इससे सीधा लाभ होगा। वहीं, अमेरिकी बाजार में भारतीय सामान की कीमतें कम होंगी, जिससे प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ेगी। उपभोक्ताओं के लिए भी उत्पाद सस्ते हो सकते हैं।

भारत का निर्यात लक्ष्य

नागेश्वरन ने इस मौके पर भारत के निर्यात प्रदर्शन पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि भारत का वर्तमान वार्षिक निर्यात 850 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया है और आने वाले वर्षों में यह 1 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचने की राह पर है। यह देश की GDP का लगभग 25 प्रतिशत है, जो एक स्वस्थ और खुली अर्थव्यवस्था का संकेत देता है।

गौरतलब है कि डोनाल्ड ट्रंप ने अपने राष्ट्रपति कार्यकाल के दौरान अंतर्राष्ट्रीय आपातकालीन आर्थिक शक्ति अधिनियम 1977 का इस्तेमाल करते हुए कई देशों पर अतिरिक्त टैरिफ लगाए थे। भारत पर लगाए गए इन शुल्कों की दर 25 प्रतिशत थी, जिसे बाद में बढ़ाकर 50 प्रतिशत कर दिया गया।

वर्तमान में यह 50 प्रतिशत टैरिफ भारत से अमेरिका को निर्यात होने वाले कई उत्पादों पर लागू है। इसमें स्टील, एल्युमिनियम, टेक्सटाइल, इंजीनियरिंग गुड्स और अन्य वस्तुएं शामिल हैं। ये ऊंचे शुल्क भारत के निर्यातकों पर अतिरिक्त बोझ डाल रहे हैं और अमेरिकी उपभोक्ताओं को भी महंगे उत्पाद खरीदने पड़ रहे हैं।

यदि नवंबर के बाद दंडात्मक टैरिफ हटा लिया जाता है, तो यह भारत-अमेरिका संबंधों में नए अध्याय की शुरुआत हो सकती है। इससे दोनों देशों के बीच व्यापारिक रिश्तों में सुधार होगा, निर्यातकों को राहत मिलेगी और उपभोक्ताओं को सस्ते दामों पर भारतीय उत्पाद उपलब्ध होंगे।