
स्टेट डेस्क, श्रेयांश पराशर |
बिहार में शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में डोमिसाइल नीति लागू करने के फैसले पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकार को नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने घेरा है। उन्होंने इस निर्णय को सरकार की वैचारिक दिवालियापन और विपक्ष से डर का परिणाम बताया है।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा बिहार में शिक्षक भर्ती में डोमिसाइल नीति लागू करने की घोषणा के बाद सियासी हलचल तेज हो गई है। यह नीति अब टीआरआई-4 और टीआरआई-5 के तहत प्रभाव में लाई जाएगी। विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने इस फैसले को लेकर सरकार पर सीधा निशाना साधते हुए कहा कि 20 सालों से सत्ता में रही थकी-हारी सरकार ने आखिरकार विपक्ष की बात मान ली। उन्होंने कहा कि विपक्ष का डर अच्छा है क्योंकि इससे सरकार को अपनी जिम्मेदारियां याद आ रही हैं।
ट्विटर पर प्रतिक्रिया देते हुए तेजस्वी ने कहा कि एनडीए सरकार वैचारिक रूप से दिवालिया हो चुकी है। उन्होंने आरोप लगाया कि विपक्ष द्वारा बार-बार सदन में उठाई गई डोमिसाइल नीति की मांग को पहले सरकार ने सिरे से खारिज कर दिया था, लेकिन अब वही बातें दोहराई जा रही हैं। उन्होंने यह भी कहा कि अन्य योजनाओं की तरह ही यह घोषणा भी विपक्ष की योजनाओं की नकल है।
तेजस्वी ने सरकार की नीति और दृष्टिकोण पर सवाल उठाते हुए कहा कि जिस सरकार को बीते 20 वर्षों में यह नहीं समझ आया कि राज्य को किन नीतियों की जरूरत है, वह आज विपक्ष की घोषणाओं की नकल करके वाहवाही लूट रही है। उन्होंने बिजली, पेंशन, सरकारी नौकरियों, स्वास्थ्य और युवाओं से जुड़े मुद्दों को लेकर भी सरकार को आड़े हाथों लिया।
तेजस्वी ने कटाक्ष किया कि सरकार विपक्ष की घोषणाओं की कॉपी कर रही है। मुख्यमंत्री को जवाब देना चाहिए कि 20 वर्षों की सत्ता के बावजूद सरकार की कोई स्वतंत्र नीति, दृष्टि या विजन क्यों नहीं है।