विदेश डेस्क- ऋषि राज
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के पहले चरण के दौरान एक ऐतिहासिक क्षण तब सामने आया जब दक्षिण अफ्रीका के चुनाव आयोग के चेयरपर्सन मोसोथो मोएपिया ने भारत के मुख्य निर्वाचन आयुक्त (CEC) ज्ञानेश कुमार को फोन कर चुनाव प्रक्रिया की सराहना की। यह कॉल न केवल भारत के लोकतंत्र के प्रति वैश्विक सम्मान का प्रतीक बनी, बल्कि इसने भारत के चुनावी तंत्र की दक्षता और पारदर्शिता को भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उजागर किया।
मोएपिया ने बिहार में चल रही वोटिंग प्रक्रिया की प्रशंसा करते हुए कहा कि
“भारत की चुनाव प्रणाली दुनिया की सबसे पारदर्शी और कुशल व्यवस्थाओं में से एक है।” उन्होंने मुख्य निर्वाचन आयुक्त को बधाई देते हुए बताया कि जल्द ही दक्षिण अफ्रीका के सांसदों का एक प्रतिनिधिमंडल भारत आएगा, ताकि वे भारतीय निर्वाचन आयोग (ECI) की प्रणाली, प्रबंधन और तकनीकी नवाचारों को नज़दीक से देख और समझ सकें।
भारत की चुनावी प्रक्रिया, विशेषकर 7.5 करोड़ मतदाताओं वाले बिहार जैसे राज्य में इतने बड़े पैमाने पर मतदान का सफल आयोजन, दुनिया के लिए लोकतांत्रिक प्रबंधन का एक अद्भुत उदाहरण माना जा रहा है। इस दौरान मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार, चुनाव आयुक्त सुखबीर सिंह संधू और विवेक जोशी खुद कंट्रोल रूम से लाइव वेबकास्टिंग के ज़रिए हर बूथ की गतिविधि पर नजर रखे हुए थे।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधियों की भागीदारी
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, अंतरराष्ट्रीय चुनाव विजिटर प्रोग्राम (IEVP) के तहत इंडोनेशिया, कोलंबिया, फिलीपींस, फ्रांस, बेल्जियम, दक्षिण अफ्रीका और थाईलैंड से कुल 16 प्रतिनिधि बिहार पहुंचे हैं। ये प्रतिनिधि मतदान केंद्रों पर जाकर पूरी प्रक्रिया का अवलोकन कर रहे हैं। इससे भारत की चुनाव प्रणाली के प्रति बढ़ती वैश्विक रुचि और विश्वास झलकता है।
भारत के लोकतंत्र की बढ़ती प्रतिष्ठा
मोएपिया का यह कॉल भारत के चुनावी लोकतंत्र की मजबूती और प्रभाव को रेखांकित करता है। विश्व के कई देश अब भारत के चुनाव मॉडल को “लोकतांत्रिक प्रबंधन का सर्वोत्तम उदाहरण” मानते हैं। तकनीकी पारदर्शिता, मतदाता जागरूकता, सुरक्षा प्रबंधन और बूथ-स्तरीय संगठनात्मक दक्षता ने भारत को एक चुनावी महाशक्ति (Electoral Superpower) के रूप में स्थापित किया है।
बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण में रिकॉर्ड तोड़ मतदान और विदेशी प्रतिनिधियों की उपस्थिति ने भारत की चुनावी व्यवस्था को अंतरराष्ट्रीय सराहना दिलाई है। दक्षिण अफ्रीका के चुनाव आयोग की यह प्रशंसा साबित करती है कि भारत न केवल दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है, बल्कि सबसे संगठित और भरोसेमंद चुनाव प्रणाली वाला देश भी है।
दूसरे चरण का मतदान 11 नवंबर 2025 को होगा, और दुनिया की निगाहें अब भी भारत के इस लोकतांत्रिक उत्सव पर टिकी हैं।







