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दिल्ली ब्लास्ट पर NIA का बड़ा खुलासा

नेशनल डेस्क, नीतीश कुमार।

दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में सोमवार को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने बताया कि कश्मीर के पंपोर निवासी आमिर राशिद अली ही वह शख्स है जिसने डॉ. उमर नबी को दिल्ली में ठहरने के लिए सुरक्षित ठिकाना उपलब्ध कराया और विस्फोट से पहले तक हर तरह की लॉजिस्टिक सहायता दी। धमाके में इस्तेमाल की गई कार भी आमिर के नाम से रजिस्टर्ड थी। कड़ी सुरक्षा के बीच उसे जिला एवं सत्र न्यायाधीश अंजू बजाज चांदना की अदालत में पेश किया गया।

इस दौरान कोर्ट परिसर में आम जनता की एंट्री रोक दी गई थी और दिल्ली पुलिस तथा RAF का भारी बंदोबस्त तैनात था। NIA ने अदालत से कहा कि आतंकी साजिश की तह तक पहुंचने के लिए आमिर राशिद अली से व्यापक पूछताछ जरूरी है, जिसके लिए उसे कश्मीर ले जाया जाएगा। एजेंसी के अनुसार उसने दिल्ली आकर कार खरीदी और उमर नबी के लिए ऐसा सुरक्षित ठिकाना बनाया, जहां वह विस्फोट से पहले तक छिपा हुआ था।

NIA ने कोर्ट को बताया कि आमिर अली वही आखिरी व्यक्ति था जिसने 13 लोगों की जान लेने वाले लाल किले के बाहर हुए आत्मघाती हमले से पूर्व डॉ. उमर नबी से मुलाकात की थी। उमर नबी हरियाणा और यूपी में फैले एक सफेदपोश आतंकी मॉड्यूल का सबसे कट्टरपंथी सदस्य बन चुका था और वह 6 दिसंबर, यानी बाबरी मस्जिद विध्वंस की बरसी के आसपास, एक शक्तिशाली VBIED धमाके की योजना बना रहा था।

हालांकि, श्रीनगर पुलिस ने इससे पहले पूरी साजिश को नाकाम कर दिया। हरियाणा के फरीदाबाद स्थित अल-फलाह यूनिवर्सिटी से डॉ. मुज़म्मिल गनई की गिरफ्तारी के दौरान भारी मात्रा में विस्फोटक बरामद हुए। इस कार्रवाई के बाद उमर नबी घबरा गया, जिसके परिणामस्वरूप 10 नवंबर को लाल किले के बाहर धमाका हुआ, जिसमें 13 लोग मौके पर ही मारे गए।

आतंकी नेटवर्क का खुलासा किसी बड़े अभियान से नहीं, बल्कि 19 अक्टूबर को नौगाम के बनपोरा में दीवारों पर जैश-ए-मोहम्मद के पोस्टर मिलने के बाद हुआ। CCTV जांच में तीन स्थानीय युवक - आरिफ निसार डार उर्फ साहिल, यासिर-उल-अशरफ और मकसूद अहमद डार उर्फ शाहिद - सामने आए, जिन्हें बाद में गिरफ्तार किया गया। ये तीनों पहले पत्थरबाजी के मामलों में भी शामिल थे।

इन गिरफ्तारियों के बाद पुलिस मौलवी इरफान अहमद तक पहुंची, जो शोपियां में एक पूर्व पैरामेडिक से इमाम बना था। आरोप है कि उसने पोस्टर उपलब्ध कराए और डॉक्टरों को कट्टरपंथ की ओर धकेलने में भूमिका निभाई। अब तक जम्मू-कश्मीर पुलिस इस मामले में आठ गिरफ्तारियां कर चुकी है। हालांकि, सबसे महत्वपूर्ण गिरफ्तारी आमिर राशिद अली की मानी जा रही है, जिसने इस मॉड्यूल में बेहद अहम भूमिका निभाई थी।