
नेशनल डेस्क, श्रेयांश पराशर l
केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने गुरुवार को कहा कि भारतीय वाहन उद्योग देश की अर्थव्यवस्था का अहम हिस्सा है और इसमें दुनिया का नंबर-1 बनने की पूरी क्षमता मौजूद है। उन्होंने घरेलू वाहन निर्माता कंपनियों के संगठन सियाम (SIAM) के वार्षिक अधिवेशन को संबोधित करते हुए बताया कि कुछ साल पहले भारत का वाहन उद्योग वैश्विक स्तर पर सातवें स्थान पर था, लेकिन अब जापान को पीछे छोड़ते हुए यह तीसरे स्थान पर पहुंच चुका है।
गडकरी ने उद्योग से जुड़े प्रतिनिधियों से कहा कि यदि सभी कंपनियां मिलकर काम करें तो भारत दुनिया का सबसे बड़ा वाहन बाजार बन सकता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पांच लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था के लक्ष्य में वाहन उद्योग की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण है। उन्होंने प्रदूषण को एक बड़ी चुनौती बताते हुए कहा कि भारत में 40% वायु प्रदूषण वाहनों से होता है। इसे कम करने के लिए सरकार जैव ईंधन, बीएस-7 मानक और इथेनॉल मिश्रण जैसे कदम उठा रही है।
गडकरी ने कहा कि सरकार 20% इथेनॉल मिश्रण से आगे बढ़ने की दिशा में विचार कर रही है। उन्होंने साफ किया कि इथेनॉल पेट्रोलियम आयात का विकल्प है, जिससे प्रदूषण घटता है और किसानों की आय में इजाफा होता है। इसके साथ ही उन्होंने वाहन परीक्षण केंद्रों की स्थापना और स्क्रैपिंग नीति को बढ़ावा देने पर जोर दिया। स्क्रैप पॉलिसी के जरिए पुराने वाहनों को हटाकर नए वाहनों की बिक्री बढ़ाने और जीएसटी छूट जैसी योजनाओं पर सरकार विचार कर रही है।
देश में हर साल 60 लाख टन स्क्रैप स्टील का आयात होता है, लेकिन नई स्क्रैप नीति के चलते घरेलू उत्पादन बढ़कर 3.76 लाख टन तक पहुंच गया है। गडकरी ने विश्वास जताया कि यदि उद्योग और सरकार साथ मिलकर काम करें तो भारत वाहन क्षेत्र में दुनिया का नंबर-1 बन सकता है।