नेशनल डेस्क, आर्या कुमारी |
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि भारतीय नस्ल के कुत्ते, जो देशी परिवेश में पले-बढ़े हैं, आज प्रशिक्षण प्राप्त कर असाधारण क्षमता और शौर्य का परिचय दे रहे हैं। उन्होंने बताया कि इन देसी नस्लों में स्वाभाविक रूप से ऐसी खूबियाँ होती हैं, जो उन्हें हमारे वातावरण और जलवायु के अनुरूप आसानी से ढलने में सक्षम बनाती हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने रविवार को आकाशवाणी पर प्रसारित अपने लोकप्रिय मासिक कार्यक्रम ‘मन की बात’ की 127वीं कड़ी में कहा कि बीएसएफ और सीआरपीएफ जैसे अर्धसैनिक बल अब देसी नस्ल के कुत्तों को प्रशिक्षित करने पर विशेष ध्यान दे रहे हैं। उन्होंने बताया कि इन कुत्तों को देशज नाम देकर प्रशिक्षण केंद्रों में तैयार किया जा रहा है, जिससे उनमें आत्मीयता और जिम्मेदारी की भावना और अधिक प्रबल हो रही है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि ये प्रशिक्षित देसी कुत्ते न केवल सीमाओं की सुरक्षा में, बल्कि बचाव कार्यों और आतंकवाद निरोधी अभियानों में भी बहादुरी का परिचय दे रहे हैं। उन्होंने इसे ‘असाधारण और सराहनीय प्रयास’ बताया, जो आत्मनिर्भर भारत की भावना को और मजबूत करता है।
उन्होंने कहा कि देसी नस्ल के कुत्ते अपनी तेजी, सूंघने की क्षमता और वफादारी के लिए जाने जाते हैं। जब इन्हें उचित प्रशिक्षण और संसाधन मिलते हैं, तो ये विदेशी नस्लों के बराबर ही नहीं, बल्कि कई मामलों में उनसे बेहतर प्रदर्शन करते हैं। यही कारण है कि अब देश के विभिन्न सुरक्षा बल इन नस्लों को अपनाने और प्रशिक्षित करने पर विशेष जोर दे रहे हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने इस पहल को देश के स्वाभिमान और आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया। उन्होंने कहा कि अपने संसाधनों और नस्लों पर गर्व करना और उन्हें विकसित करना, ‘वोकल फॉर लोकल’ की भावना को सशक्त बनाता है। प्रधानमंत्री ने उम्मीद जताई कि आने वाले समय में भारत के प्रशिक्षित देसी कुत्ते विश्व मंच पर भी अपनी विशिष्ट पहचान बनाएंगे।







