नागपुर: बच्चू कड़ू के नेतृत्व में 15 हजार किसानों का प्रदर्शन, NH-44 पर 30 किमी जाम
राज्य डेस्क - प्रीति पायल
महाराष्ट्र के नागपुर में 28 अक्टूबर 2025 को दोपहर के समय शुरू हुए किसान प्रदर्शन ने वर्धा रोड (NH-44) पर व्यापक अव्यवस्था फैला दी। प्रहार जनशक्ति पार्टी (PJP) के नेता और पूर्व मंत्री बच्चू कड़ू के नेतृत्व में लगभग 15,000 कृषक अमरावती के चंदूरबाजार से ट्रैक्टर-ट्रॉलियों व बैलगाड़ियों में सवार होकर नागपुर पहुंचे और परसोडी तथा जामठा फ्लाईओवर क्षेत्र में धरना-प्रदर्शन शुरू किया।
प्रदर्शनकारी किसानों ने पूर्ण कर्जमाफी की मांग रखी है, जिसमें खतौनी एवं सातबारा से ऋण की राशि हटाना शामिल है। इसके साथ ही बाढ़ और सूखे से प्रभावित फसलों के नुकसान का मुआवजा, न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी, दिव्यांग कृषकों के लिए पेंशन योजना और सोयाबीन के निर्यात पर लगी पाबंदियों को हटाने की मांग की गई है।
28-29 अक्टूबर के दौरान वर्धा रोड पूर्णतः अवरुद्ध हो गया। जामठा से खापरी तक 20-30 किलोमीटर तक जाम लगा, जिसमें हजारों वाहन 12-16 घंटे तक फंसे रहे। नागपुर-वर्धा, हैदराबाद, चंद्रपुर और अमरावती मार्ग सहित चार प्रमुख राजमार्ग प्रभावित हुए। आउटर रिंग रोड पर भी भारी जाम की स्थिति बनी। पेट्रोल पंपों पर ईंधन की कमी हो गई क्योंकि टैंकर लॉरियां जाम में फंस गईं। 118 से अधिक राज्य परिवहन निगम की बसें रद्द करनी पड़ीं। एम्बुलेंस सेवा और एयरपोर्ट की आवाजाही भी बाधित हुई। NCI अस्पताल की सेवाएं प्रभावित हुईं और टोल प्लाजा को 50 लाख रुपए का नुकसान हुआ।
बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने 29 अक्टूबर को जस्टिस रजनीश व्यास की अध्यक्षता में स्वत: संज्ञान लेते हुए शाम 6 बजे तक राजमार्ग खाली कराने का आदेश दिया। न्यायालय ने कहा कि लोगों के आवागमन के मौलिक अधिकार का हनन हो रहा है और उल्लंघन की स्थिति में कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी। बच्चू कड़ू ने दृढ़ता दिखाते हुए कहा कि वे जेल जाने और यहां तक कि मरने के लिए भी तैयार हैं। उन्होंने 31 अक्टूबर को रेल रोको आंदोलन, एयरपोर्ट को बंद करने और मुख्यमंत्री निवास का घेराव करने की धमकी दी। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से टेलीफोन पर बातचीत के बाद 30 अक्टूबर को मुंबई में बैठक करने पर सहमति बनी।
31 अक्टूबर तक रात के समय हाईवे को खाली करा लिया गया और किसान परसोडी मैदान में शिफ्ट हो गए। यातायात व्यवस्था सामान्य हो गई। मुंबई में मुख्यमंत्री के साथ हुई बैठक में कर्जमाफी के मुद्दे पर 9 सदस्यीय समिति गठित की गई। हालांकि, अगर मांगें नहीं मानी गईं तो 31 अक्टूबर को 'रेल रोको' अभियान की चेतावनी बनी हुई है।
इस आंदोलन को राजू शेट्टी और मराठा नेता मनोज जरांगे का समर्थन मिला है। यह प्रदर्शन विदर्भ के कृषकों के असंतोष को दर्शाता है, जो कृषि ऋण के भारी बोझ से परेशान हैं। अब राज्य सरकार पर दबाव बना हुआ है और अंतिम निर्णय मुंबई से आने की उम्मीद है।







