लोकल डेस्क |
नेपाल की मासूम बेटी को तस्करों के चंगुल से बचाया गया – दिल्ली ले जाने की तैयारी थी, समय पर हुई कार्रवाई से बच गई एक ज़िंदगी
सीमा पार मानव तस्करी के एक दर्दनाक मामले में नेपाल की रहने वाली पहाड़ी नाबालिग लड़की अंजली (बदला हुआ नाम, उम्र 14 वर्ष) को बिहार से सकुशल रेस्क्यू किया गया। यह अभियान एक संयुक्त मानवीय मिशन था, जिसमें टीमों ने मिलकर बड़ी संवेदनशीलता और तत्परता से कार्रवाई की।
मामले की शुरुआत तब हुई जब पीड़िता की मां (नेपाल निवासी) साथ साथ के माध्यम से व्हाट्सएप के ज़रिए इंस्पेक्टर मनोज कुमार शर्मा से संपर्क कर रोते हुए बताया कि उसकी 14 वर्षीय बेटी को मनोज गिरी नामक व्यक्ति ने बहला-फुसलाकर दो महीने पहले नेपाल से बिहार ले गया था। माँ ने बताया कि हाल ही में बेटी ने फेसबुक पर मैसेज किया था – “माँ, मुझे यहाँ से बचा लो, नहीं तो मैं ज़हर खा लूंगी…”
यह संदेश सुनते ही इंस्पेक्टर शर्मा ने तुरंत कार्रवाई शुरू की। उन्होंने लड़की की फेसबुक आईडी और उससे जुड़े संपर्कों को खंगाला, जिसमें एक संदिग्ध मोबाइल नंबर मिला। सायबर टीम ने उस नंबर की लोकेशन ट्रेस की, जिससे पुष्टि हुई कि यही आरोपी का फोन है।
मामले की गंभीरता देखते हुए डायरेक्टर वीरेंद्र सिंह (मिशन मुक्ति फाउंडेशन, नई दिल्ली) ने सभी के साथ समन्वय स्थापित किया जिससे कहीं किसी प्रकार की कोई चूक ना हो जाए।
इसके बाद राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के श्री प्रियांक कानूनगो, ए.डी.जी (वीकर-सेक्शन) श्री अमित जैन, इंस्पेक्टर मनोज कुमार शर्मा (क्षेत्रक मुख्यालय, बेजपारा, असम), डाइरेक्टर श्री वीरेंद्र सिंह मिशन मुक्ति फाउंडेशन, नई दिल्ली, एनजीओ
श्रीमती प्रयास जूबेनाइल एड सेंटर रक्सौल, रेस्क्यू एंड रिलीफ फाउंडेशन , इंटेलिजेंस ईकाई क्षेत्रक मुख्यालय एसएसबी बेजपारा और मोतिहारी पुलिस की संयुक्त टीम ने “मिशन निर्भया ऑपरेशन” शुरू किया।
ऑपरेशन को दो स्तरों पर चलाया गया — एक टीम जमीनी स्तर पर बिहार के सुगौली क्षेत्र में तैनात की गई, जबकि दूसरी टीम ऑनलाइन माध्यम से हर पल दिशा निर्देश दे रही थी। अंततः तस्कर मनोज गिरी को गिरफ्तार कर लिया गया और नाबालिग अंजली को सकुशल रेस्क्यू कर लिया गया। जिसमें काउंसिलिंग स्पेशियलिस्ट आरती कुमारी जी ने पीड़ित की काउंसिलिंग की जो आगे पूरी प्रक्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभायेगी।
जांच में सामने आया कि तस्कर पीड़िता को दिल्ली ले जाने की तैयारी में थे। समय रहते हुई इस कार्रवाई ने एक मासूम बच्ची की ज़िंदगी बचा ली।
रेस्क्यू में शामिल सभी एजेंसियों ने इसे संवेदनशीलता, तत्परता और समन्वय का एक उदाहरण बताया है। माँ की आवाज़ और मानवीय जिम्मेदारी ने मिलकर एक बेटी को अंधेरे रास्ते से रोशनी की ओर लौटा दिया।
इस संयुक्त सफल ऑपरेशन में जिनका जिनका सहयोग रहा- श्री प्रियांक कानूनगो-राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग नई दिल्ली, श्री अमित जैन-ए.डी.जी वीकर-सेक्शन (बिहार), इंस्पेक्टर मनोज कुमार शर्मा-क्षेत्रक मुख्यालय बेजपारा, मंगलदोई (असम), श्री वीरेंद्र सिंह- डायरेक्टर मिशन मुक्ति फाउंडेशन (नई दिल्ली), एनजीओ रेस्क्यू एण्ड रिलीफ़ फाउंडेशन, एनजीओ प्रयास जूबेनाइल एड सेंटर (रक्सौल), इंटेलिजेंस ईकाई क्षेत्रक मुख्यालय एसएसबी बेजपारा और मोतीहारी पुलिस।







