
विदेश डेस्क, आर्या कुमारी |
नेपाल में हालात बिगड़ते जा रहे हैं। पूर्व प्रधानमंत्री झलनाथ खनाल की पत्नी को प्रदर्शनकारियों ने ज़िंदा आग के हवाले कर दिया। पारिवारिक सूत्रों के मुताबिक, गंभीर हालत में उन्हें कीर्तिपुर बर्न अस्पताल पहुंचाया गया था, जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। प्रदर्शनों के बीच सामने आई इस चौंकाने वाली घटना ने सबको हैरान कर दिया है। दल्लू स्थित खनाल के आवास पर भीड़ ने धावा बोलकर आगजनी की। इसी दौरान उनकी पत्नी राज्यलक्ष्मी चित्रकार को निशाना बनाया गया। वह बुरी तरह जल गईं और बाद में अस्पताल में दम तोड़ दिया।
इलाज के दौरान नहीं बच सकीं
पारिवारिक सूत्रों ने पुष्टि की कि उन्हें गंभीर हालत में भर्ती कराया गया था, लेकिन ज़्यादा जलने की वजह से उनकी जान नहीं बचाई जा सकी। जेन-जी आंदोलन, जो सोमवार से शुरू हुआ था, लगातार हिंसक होता जा रहा है। अधिकारियों की ओर से इस हमले पर अब तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।
सेना ने खनाल को निकाला सुरक्षित
सीपीएन (यूनिफाइड सोशलिस्ट) के नेता नरेश शाही ने बताया कि प्रदर्शनकारियों ने घर में आग लगा दी थी, उस समय वह अपने बेटे निर्भीक खनाल के साथ मौजूद थीं। शाही के अनुसार, "जब प्रदर्शनकारियों ने आग लगाई, तब वह गंभीर रूप से घायल हो गईं।" पहले उन्हें नेपाली सेना के अस्पताल ले जाया गया और बाद में कीर्तिपुर स्थानांतरित किया गया। वहीं, झलनाथ खनाल को सेना ने समय रहते सुरक्षित बाहर निकाल लिया।
झलनाथ खनाल नेपाल के 35वें प्रधानमंत्री रह चुके हैं। फरवरी 2011 से अगस्त 2011 तक उन्होंने यह जिम्मेदारी संभाली। वह नेपाल की कम्युनिस्ट पार्टी के चेयरमैन और संविधान सभा में संसदीय दल के नेता भी रह चुके हैं।