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नेपाल में अंतरिम सरकार के लिए सुशीला कार्की और बालेन्द्र शाह के नाम पर विचार

विदेश डेस्क, ऋषि राज |

नेपाल में राजनीतिक अस्थिरता के बीच अंतरिम सरकार बनाने की प्रक्रिया तेज हो गई है। सूत्रों के अनुसार देश की पूर्व प्रधान न्यायाधीश सुशीला कार्की, काठमांडू के महापौर बालेन्द्र शाह तथा बिजली बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष कुलमन घीसिंग के नाम उन लोगों में शामिल हैं जिन पर प्रदर्शनकारी ‘जन जी’ समूह विचार कर रहा है। यह समूह देश में चल रहे राजनीतिक संकट के बीच अंतरिम सरकार का नेतृत्व संभालने की तैयारी कर रहा है। सूत्रों ने बुधवार को यह जानकारी दी।

नेपाल में हाल की घटनाओं ने देश को अस्थिर कर दिया है। राजनीतिक दलों के बीच आपसी मतभेद और प्रशासनिक ढाँचे की कमजोरी ने स्थिति को गंभीर बना दिया है। प्रदर्शनकारी समूहों ने सत्ता परिवर्तन की मांग करते हुए देश की राजनीति को नई दिशा देने का प्रयास शुरू कर दिया है। ‘जन जी’ समूह, जिसमें छात्र, युवाओं और विभिन्न सामाजिक संगठनों के सदस्य शामिल हैं, ने देश की व्यवस्था में बदलाव लाने की पहल की है। ऐसे में अंतरिम सरकार के लिए सक्षम और स्वीकार्य चेहरों की तलाश की जा रही है।

पूर्व प्रधान न्यायाधीश सुशीला कार्की का नाम इसलिए प्रमुखता से लिया जा रहा है क्योंकि वे न्याय व्यवस्था में अपनी निष्पक्ष भूमिका के लिए जानी जाती हैं। वहीं, काठमांडू के महापौर बालेन्द्र शाह का शहर के विकास और प्रशासन में योगदान उन्हें एक व्यवहारिक और जनप्रिय विकल्प बनाता है। इसके अलावा, बिजली बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष कुलमन घीसिंग का भी नाम शामिल है, जिन्हें प्रबंधन और ऊर्जा क्षेत्र में अनुभव के लिए जाना जाता है।

‘जन जी’ समूह का कहना है कि अंतरिम सरकार देश में लोकतांत्रिक ढाँचे को मजबूत करने और प्रशासनिक सुधार लाने में मदद करेगी। प्रदर्शनकारियों का मानना है कि राजनीतिक अस्थिरता से निपटने के लिए निष्पक्ष नेतृत्व आवश्यक है, जो सभी पक्षों को साथ लेकर चल सके। इसी उद्देश्य से इन तीनों नामों पर विचार किया जा रहा है।

नेपाल की जनता में भी बदलाव को लेकर व्यापक समर्थन देखा जा रहा है। युवाओं की बड़ी संख्या सड़कों पर उतरकर नई व्यवस्था की मांग कर रही है। राजनीतिक असंतोष ने देश की व्यवस्था में सुधार की आवश्यकता को और स्पष्ट कर दिया है।

अब सभी की नजरें इस बात पर टिकी हैं कि कौन सा चेहरा अंतरिम सरकार का नेतृत्व करेगा। प्रदर्शनकारियों और राजनीतिक नेताओं के बीच चल रही बातचीत से यह संकेत मिल रहा है कि नेपाल जल्द ही एक नई राजनीतिक दिशा में आगे बढ़ेगा।