Ad Image
Ad Image
दिल्ली पुलिस ने साइबर अपराधियों के लिए चलाया साईं हॉक अभियान, 48 घंटे में 800 गिरफ्तार || झारखंड की मंत्री दीपिका पाण्डेय का EC पर हमला, SIR के कारण हारा महागठबंधन || पूर्वी चंपारण के रक्सौल में VIP पार्टी के अनुमंडल प्रमुख की गोली मार हत्या || राष्ट्रपति ट्रंप ने यूक्रेन से शांति समझौते के प्रस्ताव को जल्दी स्वीकार करने का आग्रह किया || ईरान पर अमेरिका की सख्ती, आज नए प्रतिबंधों का किया ऐलान || BJP को 90 पर लीड, JDU को 80 पर लीड, महागठबंधन फेल || नीतीश कुमार CM हैं और आगे भी रहेंगे: जेडीयू की प्रतिक्रिया || NDA को शानदार बढ़त, 198 पर लीड जबकि महागठबंधन को 45 पर लीड || तुर्की : सैन्य विमान दुर्घटना में मृत सभी 20 सैनिकों के शव बरामद || RJD के एम एल सी सुनील सिंह का भड़काऊ बयान, DGP के आदेश पर FIR

The argument in favor of using filler text goes something like this: If you use any real content in the Consulting Process anytime you reach.

  • img
  • img
  • img
  • img
  • img
  • img

Get In Touch

नेपाल में बड़ा विद्रोह: संसद पर धावा,20 की मौत और 250 घायल

विदेश डेस्क, ऋषि राज |

नेपाल इस समय अपने इतिहास के सबसे गंभीर राजनीतिक संकट का सामना कर रहा है। सोशल मीडिया पर प्रतिबंध और सरकार में गहराते भ्रष्टाचार को लेकर शुरू हुआ विरोध अब हिंसक विद्रोह में बदल गया है। राजधानी काठमांडू में हजारों की संख्या में युवा सड़कों पर उतर आए और देखते ही देखते आंदोलन ने भयावह रूप ले लिया।

संसद भवन में घुसपैठ

सोमवार सुबह Gen-Z यानी 18 से 30 साल के युवाओं की अगुवाई में करीब 12 हजार प्रदर्शनकारी संसद भवन परिसर में घुस गए। नेपाल के इतिहास में यह पहला मौका है जब प्रदर्शनकारियों ने सीधे संसद पर धावा बोला। इस दौरान पुलिस और सेना ने प्रदर्शनकारियों को रोकने की कोशिश की, लेकिन भीड़ इतनी बड़ी थी कि हालात काबू से बाहर हो गए।

पुलिस और सेना की कार्रवाई

स्थिति बिगड़ते देख पुलिस ने लाठीचार्ज और आंसू गैस के गोले छोड़े। जब हालात पर काबू नहीं पाया जा सका, तो सेना ने गोलियां चलाईं। नेपाल पुलिस के मुताबिक, इस फायरिंग और हिंसा में 20 लोगों की मौत हो गई है और 250 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। घायलों में कई की हालत गंभीर बताई जा रही है।

युवाओं का गुस्सा क्यों?

प्रदर्शनकारी युवाओं का आरोप है कि सरकार ने इंस्टाग्राम, X (ट्विटर), और यूट्यूब जैसी सोशल मीडिया साइट्स पर प्रतिबंध लगाकर उनकी आवाज़ को दबाने की कोशिश की है। साथ ही, भ्रष्टाचार, बेरोज़गारी और महंगाई ने उनकी नाराज़गी को और बढ़ा दिया है। कई जगह प्रदर्शनकारियों ने सरकारी गाड़ियों और इमारतों में आग लगा दी। राजधानी काठमांडू के कई इलाकों में हालात तनावपूर्ण बने हुए हैं।

सरकार की सख्ती

सरकार ने हालात काबू में करने के लिए राजधानी में कर्फ्यू लागू कर दिया है। खासकर प्रधानमंत्री आवास और संसद भवन के आसपास सुरक्षा बलों की तैनाती बढ़ा दी गई है। साथ ही, देशभर में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं ताकि आंदोलन और न भड़के।

अंतरराष्ट्रीय तुलना

वरिष्ठ पत्रकारों और राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि नेपाल का यह विद्रोह हाल ही में श्रीलंका और बांग्लादेश में हुए आंदोलनों से मिलता-जुलता है। श्रीलंका में आर्थिक संकट के चलते जनता ने राष्ट्रपति भवन पर कब्जा कर लिया था, वहीं बांग्लादेश में बेरोज़गारी और महंगाई ने सरकार के खिलाफ गुस्सा पैदा किया था। अब नेपाल में भी वही हालात देखने को मिल रहे हैं।

नेपाल की राजनीति में यह आंदोलन एक टर्निंग प्वाइंट साबित हो सकता है। यह पहली बार है जब इतनी बड़ी संख्या में युवाओं ने सरकार को चुनौती दी है। सवाल यह है कि क्या सरकार इस संकट को बातचीत से सुलझाएगी या सख्ती से दबाने की कोशिश करेगी। आने वाले दिनों में नेपाल की राजनीति का भविष्य इसी पर निर्भर करेगा।

यह विद्रोह न सिर्फ नेपाल बल्कि पूरे दक्षिण एशिया के लिए चेतावनी है कि अगर युवाओं की आवाज़ को दबाया गया, तो उसका नतीजा बड़ा राजनीतिक तूफ़ान हो सकता है।