स्टेट डेस्क, प्रीति पायल |
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले RJD नेता तेजस्वी यादव ने 26 अक्टूबर 2025 को पटना में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में व्यापक चुनावी घोषणाएं कीं। महागठबंधन के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार तेजस्वी ने पंचायती राज व्यवस्था के प्रतिनिधियों और जन वितरण प्रणाली डीलरों के लिए महत्वपूर्ण वादे किए। उन्होंने मौजूदा NDA सरकार की 20 सालों की कार्यप्रणाली की आलोचना करते हुए कहा कि महागठबंधन को "बदलाव" लाने के लिए केवल 20 महीनों की जरूरत है
तेजस्वी ने त्रिस्तरीय पंचायत व्यवस्था के सभी प्रतिनिधियों के कल्याण के लिए व्यापक योजनाओं की घोषणा की। उन्होंने वर्तमान में मिलने वाले भत्ते को तुरंत दोगुना करने का वादा किया, जिससे मुखियाओं का मासिक मानदेय वर्तमान 3,000-5,000 रुपये से बढ़कर दोगुना हो जाएगा।
पूर्व पंचायत प्रतिनिधियों के लिए पेंशन व्यवस्था शुरू की जाएगी, जैसी कि उत्तर प्रदेश और झारखंड जैसे राज्यों में मौजूद है। सभी पंचायत और ग्राम कचहरी प्रतिनिधियों को 50 लाख रुपये का स्वास्थ्य एवं जीवन बीमा कवर प्रदान किया जाएगा। ग्राम कचहरी की न्यायिक शक्तियों में विस्तार कर स्थानीय विवादों का तत्काल निपटारा सुनिश्चित किया जाएगा।
PDS डीलरों की आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए तेजस्वी ने कई महत्वपूर्ण घोषणाएं कीं। राशन दुकानदारों को पहली बार अलग से निश्चित मानदेय दिया जाएगा। प्रति क्विंटल अनाज वितरण पर मिलने वाला कमीशन, जो वर्तमान में 20-30 रुपये है, को काफी बढ़ाया जाएगा।
डीलरों की समग्र मार्जिन आय में व्यापक वृद्धि की जाएगी, जिससे उनकी आजीविका में सुधार होगा। तेजस्वी ने कहा कि मौजूदा सरकार ने इन्हें केवल जिम्मेदारियां दी हैं, पर्याप्त आय नहीं।
मेहनतकश जातियों (नाई, कुम्हार, लोहार, बढ़ई) को व्यवसाय शुरू करने हेतु 5 लाख रुपये तक का ब्याज-मुक्त ऋण प्रदान किया जाएगा। महिलाओं के लिए "माई-बहिन मान योजना" और युवाओं के लिए "हर घर नौकरी" की गारंटी भी दी गई।
पटना के पोलो रोड स्थित अपने निवास पर आयोजित इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में तेजस्वी ने नीतीश कुमार सरकार पर अपराध, भ्रष्टाचार और विकास की कमी के आरोप लगाए। आगामी नवंबर-दिसंबर 2025 के चुनावों से पहले ये घोषणाएं ग्रामीण और गरीब वोट बैंक को लक्षित करती हैं, जहां RJD का पारंपरिक समर्थन मजबूत है।
तेजस्वी का दावा है कि महागठबंधन सरकार के गठन के बाद बिहार को देश का "नंबर 1" राज्य बनाया जाएगा। ये वादे विकास, सामाजिक न्याय और आर्थिक सशक्तिकरण के सिद्धांतों पर आधारित हैं।







