Ad Image
Ad Image
टाइफून मातमो तूफान को लेकर चीन में ऑरेंज अलर्ट, सेना तैयार || हमास बंधकों को करेगा रिहा, राष्ट्रपति ट्रंप ने गाजा पर बमबारी रोकने को कहा || पहलगाम हमले के बाद पता चला कौन भारत का असली मित्र: मोहन भागवत || भारत के साथ व्यापार असंतुलन कम करने का अपने अधिकारियों को पुतिन का आदेश || मेक्सिको की राष्ट्रपति शीनबाम की इजरायल से अपील, हिरासत में लिए मेक्सिको के नागरिकों को जल्दी रिहा करें || शास्त्रीय गायक पद्मविभूषण छन्नूलाल मिश्र का मिर्जापुर में निधन, PM मोदी ने दी श्रद्धांजलि || स्वदेशी और आत्मनिर्भरता का कोई विकल्प नहीं: मोहन भागवत || अमित शाह ने कहा, देश अगले 31 मार्च तक नक्सलवादी लाल आतंक से मुक्त होगा || भारतीय क्रिकेट टीम ने जीता एशिया कप, PM समेत पूरे देश ने दी बधाई || तमिलनाडु: एक्टर विजय की रैली में भगदड़, 31 की मौत, 40 से ज्यादा घायल

The argument in favor of using filler text goes something like this: If you use any real content in the Consulting Process anytime you reach.

  • img
  • img
  • img
  • img
  • img
  • img

Get In Touch

पंजाब में 1988 के बाद की सबसे बड़ी तबाही: 37 की मौत, लाखों लोग प्रभावित

नेशनल डेस्क, वेरोनिका राय |

पंजाब इस समय 1988 के बाद की सबसे भयानक बाढ़ से जूझ रहा है। भारी बारिश और हिमाचल प्रदेश व जम्मू-कश्मीर से छोड़े गए पानी ने राज्य की नदियों और नालों को उफान पर ला दिया है। सतलुज, ब्यास और रावी नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं, वहीं मौसमी नाले भी गांवों और शहरों को डुबो रहे हैं।

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, अब तक बाढ़ की चपेट में आकर 37 लोगों की मौत हो चुकी है और साढ़े 3 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं। राज्य के सभी 23 जिले बाढ़ की मार झेल रहे हैं। 1,655 गांव पानी में डूब चुके हैं और लाखों लोग सुरक्षित जगहों पर शरण लेने को मजबूर हैं।

सबसे बड़ा नुकसान किसानों को हुआ है। 1.48 लाख हेक्टेयर से ज्यादा खड़ी फसलें बर्बाद हो चुकी हैं। धान, मक्का और सब्जियों की फसलें पानी में डूबकर सड़ रही हैं। कई इलाकों में खेत झील और तालाब में बदल गए हैं, जहां पानी की गहराई 8 से 10 फीट तक पहुंच गई है। किसानों का कहना है कि यह नुकसान उनकी कई सालों की मेहनत को बर्बाद कर देगा। इसके अलावा, पशुधन की भारी हानि भी हुई है। हजारों मवेशी बह गए या बीमार होकर मर रहे हैं।

ग्रामीण इलाकों में हालात बेहद खराब हैं। गांवों के रास्ते और घर पानी में डूबे हुए हैं। लोग नावों के सहारे एक जगह से दूसरी जगह जा रहे हैं। कई गांवों में बिजली और संचार व्यवस्था ठप हो गई है, जिससे राहत कार्य प्रभावित हो रहे हैं। राहत और बचाव कार्य के लिए एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और सेना की टीमें लगातार जुटी हुई हैं। अब तक हजारों लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।

मुख्यमंत्री ने हालात पर चिंता जताते हुए केंद्र सरकार से तत्काल मदद मांगी है। उन्होंने कहा कि पंजाब में हुई तबाही को देखते हुए किसानों और आम लोगों को आर्थिक राहत पहुंचाना बेहद जरूरी है। विशेषज्ञों का मानना है कि जलवायु परिवर्तन और अनियोजित शहरीकरण इस बाढ़ की भयावहता को और बढ़ा रहे हैं।

पंजाब की जनता फिलहाल जीवन के सबसे कठिन दौर से गुजर रही है। लोगों को न सिर्फ अपने घर और खेत गंवाने का दुख है, बल्कि आने वाले दिनों में रोज़गार और भोजन का संकट भी गहराता दिख रहा है। राज्य सरकार ने प्रभावित परिवारों के लिए राहत शिविरों और राशन की व्यवस्था की है, लेकिन हालात कब तक सामान्य होंगे, यह कहना मुश्किल है।