Ad Image
Ad Image
दिल्ली पुलिस ने साइबर अपराधियों के लिए चलाया साईं हॉक अभियान, 48 घंटे में 800 गिरफ्तार || झारखंड की मंत्री दीपिका पाण्डेय का EC पर हमला, SIR के कारण हारा महागठबंधन || पूर्वी चंपारण के रक्सौल में VIP पार्टी के अनुमंडल प्रमुख की गोली मार हत्या || राष्ट्रपति ट्रंप ने यूक्रेन से शांति समझौते के प्रस्ताव को जल्दी स्वीकार करने का आग्रह किया || ईरान पर अमेरिका की सख्ती, आज नए प्रतिबंधों का किया ऐलान || BJP को 90 पर लीड, JDU को 80 पर लीड, महागठबंधन फेल || नीतीश कुमार CM हैं और आगे भी रहेंगे: जेडीयू की प्रतिक्रिया || NDA को शानदार बढ़त, 198 पर लीड जबकि महागठबंधन को 45 पर लीड || तुर्की : सैन्य विमान दुर्घटना में मृत सभी 20 सैनिकों के शव बरामद || RJD के एम एल सी सुनील सिंह का भड़काऊ बयान, DGP के आदेश पर FIR

The argument in favor of using filler text goes something like this: If you use any real content in the Consulting Process anytime you reach.

  • img
  • img
  • img
  • img
  • img
  • img

Get In Touch

पटना : जेडीयू दफ्तर पर पहली बार लगे मोदी-नीतीश के पोस्टर

स्टेट डेस्क, श्रेयांश पराशर |

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले सियासी गलियारों में हलचल तेज हो गई है। पटना स्थित जेडीयू कार्यालय में पहली बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पोस्टर एक साथ लगाए गए हैं, जिससे एनडीए की एकता का संकेत मिला है। बिहार की राजनीति में बड़ा दृश्य मंगलवार को तब सामने आया जब पटना स्थित जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) कार्यालय पर पहली बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की तस्वीरों वाले पोस्टर लगाए गए। यह पहला मौका है जब जेडीयू दफ्तर में औपचारिक रूप से दोनों नेताओं के साझा पोस्टर नजर आए। विधानसभा चुनाव नजदीक हैं और ऐसे में इसे एनडीए की रणनीतिक एकजुटता के रूप में देखा जा रहा है।

कार्यालय की दीवारों पर बड़ी संख्या में पोस्टर लगाए गए हैं, जिनमें मोदी और नीतीश की तस्वीरें के साथ "फिर से एनडीए सरकार", "महिलाओं की जय-जयकार", "उद्योग मिल रहा रोज़गार" जैसे नारे भी लिखे हैं। इन नारों के माध्यम से सरकार की उपलब्धियों को गिनाया गया है और पुनः एनडीए को चुनने की अपील की गई है।

बताया जा रहा है कि इन पोस्टरों के माध्यम से बीजेपी और जेडीयू की एकता को मजबूती से दर्शाने की कोशिश की गई है। इससे पहले कई बार दोनों दलों के बीच सीएम चेहरे को लेकर असमंजस की स्थिति रही है, लेकिन अब इन पोस्टरों के जरिए यह संदेश देने की कोशिश की जा रही है कि नीतीश ही एनडीए के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार होंगे।

इस घटनाक्रम को आगामी चुनावों के मद्देनज़र एक बड़ा सियासी संकेत माना जा रहा है, जिससे एनडीए गठबंधन को मजबूती मिलने की उम्मीद है।