
पटना, श्रेयांश पराशर |
पटना सचिवालय का ऐतिहासिक घंटा घर अब बदलाव के दौर से गुजरने वाला है। सरकार ने इसकी ऊंचाई घटाने की योजना बनाई है। यह निर्णय विमान सुरक्षा और पटना एयरपोर्ट के रनवे विस्तार से जुड़ा है, जिस पर प्रशासन और एयरपोर्ट अधिकारियों के बीच बैठकें हो रही हैं।
पटना सचिवालय में स्थित ऐतिहासिक घंटा घर का निर्माण वर्ष 1917 में न्यूज़ीलैंड के जोसेफ फियर्स मनी की देखरेख में हुआ था। यह टावर 198 फीट ऊंचा था और लंदन के बिग बेन टावर की तर्ज़ पर बनाया गया था। वर्ष 1924 में इसमें घड़ी लगाई गई थी, जिसे मैनचेस्टर की गिलेट एंड जॉनसन कंपनी ने स्थापित किया था।
1934 में आए विनाशकारी भूकंप के बाद इस टावर को नुकसान पहुंचा और इसकी ऊंचाई घटाकर 184 फीट कर दी गई थी। अब एक बार फिर सरकार इस ऐतिहासिक टावर की ऊंचाई को कम करने पर विचार कर रही है।
इसका प्रमुख कारण पटना एयरपोर्ट का रनवे विस्तार और विमानों की सुरक्षित लैंडिंग है। अहमदाबाद में हाल में हुए विमान हादसे के बाद पटना एयरपोर्ट की संरचना और रनवे की अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप समीक्षा शुरू हुई है। टावर की ऊंचाई से विमान संचालन पर संभावित खतरे को देखते हुए इसे फिर से कम करने का सुझाव दिया गया है।
सोमवार को एयरपोर्ट प्रशासन और जिला प्रशासन के अधिकारियों के बीच बैठक प्रस्तावित है, जिसमें इस विषय पर ठोस निर्णय लिए जाने की संभावना है।
अगर यह योजना लागू होती है तो यह इतिहास और आधुनिक ज़रूरतों के संतुलन का एक महत्वपूर्ण उदाहरण बन सकता है।