
नेशनल डेस्क, वेरोनिका राय ।
पटना: बिहारवासियों के लिए राहत भरी खबर है। राज्य को जल्द ही उसका पहला ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे मिलने जा रहा है। इस महत्वाकांक्षी परियोजना का नाम आमस-दरभंगा एक्सप्रेस-वे है, जिसके बन जाने के बाद पटना से दरभंगा की दूरी महज 4 घंटे में तय की जा सकेगी। यह एक्सप्रेस-वे 7 जिलों और 19 शहरों को जोड़ेगा और प्रदेश में कनेक्टिविटी, व्यापार और पर्यटन को नई दिशा देगा।
बिहार का पहला ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे
भारत सरकार और राज्य सरकार की संयुक्त पहल से बनने वाला यह एक्सप्रेस-वे बिहार का पहला ग्रीनफील्ड प्रोजेक्ट होगा। इसका मतलब है कि इसे पूरी तरह नई भूमि पर बनाया जाएगा, न कि किसी मौजूदा हाईवे को चौड़ा करके। इससे यातायात व्यवस्था को आधुनिक स्वरूप मिलेगा और लंबी दूरी का सफर अधिक तेज़ और सुरक्षित हो जाएगा।
7 जिलों और 19 शहरों को मिलेगा बेहतर संपर्क
आमस-दरभंगा एक्सप्रेस-वे गया, जहानाबाद, पटना, नालंदा, नवादा, समस्तीपुर और दरभंगा समेत कुल 7 जिलों से होकर गुज़रेगा। इसके मार्ग में आने वाले 19 छोटे-बड़े शहरों को सीधा फायदा मिलेगा।
• इससे ग्रामीण क्षेत्रों का जुड़ाव बड़े शहरों से होगा।
• व्यापारियों और किसानों को अपने उत्पाद बड़े बाज़ारों तक पहुंचाने में आसानी होगी।
• छात्रों और नौकरीपेशा लोगों को बेहतर परिवहन सुविधा मिलेगी।
4 घंटे में पटना से दरभंगा का सफर
फिलहाल पटना से दरभंगा जाने में 6 से 7 घंटे का समय लगता है। नए एक्सप्रेस-वे के निर्माण के बाद यह यात्रा केवल 4 घंटे में पूरी हो जाएगी। इससे उत्तर बिहार और दक्षिण बिहार के बीच की दूरी कम होगी और लोगों का आना-जाना अधिक सुविधाजनक होगा।
आर्थिक विकास को नई रफ्तार
विशेषज्ञों का मानना है कि इस परियोजना से बिहार के आर्थिक ढांचे पर सकारात्मक असर पड़ेगा।
• उद्योग और व्यापार: तेज़ रफ्तार परिवहन से औद्योगिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा।
• रोजगार: निर्माण कार्य और उसके बाद से जुड़ी सेवाओं में स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर पैदा होंगे।
• पर्यटन: गया और नालंदा जैसे ऐतिहासिक स्थलों तक पहुंचना आसान होगा, जिससे पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।
• शिक्षा और स्वास्थ्य: छात्रों और मरीजों को बड़े संस्थानों तक पहुंचने में आसानी होगी।
सामाजिक और रणनीतिक महत्व
यह एक्सप्रेस-वे न सिर्फ आर्थिक बल्कि सामाजिक विकास के लिए भी अहम माना जा रहा है। उत्तर और दक्षिण बिहार के बीच संपर्क बढ़ने से सांस्कृतिक और सामाजिक रिश्ते भी मजबूत होंगे। इसके साथ ही यह सड़क राज्य की रणनीतिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण होगी।
आमस-दरभंगा एक्सप्रेस-वे का निर्माण बिहार की विकास यात्रा में मील का पत्थर साबित होगा। यह न केवल यात्रा समय को कम करेगा बल्कि रोजगार, व्यापार, उद्योग और पर्यटन को भी नई ऊंचाइयों तक ले जाएगा। पटना से दरभंगा की दूरी का 4 घंटे में तय होना लोगों के लिए सुविधा और संभावनाओं का नया अध्याय खोलेगा।