स्टेट डेस्क, प्रीति पायल |
पूर्णिया से चुने गए निर्दलीय लोकसभा सदस्य राजेश रंजन, जिन्हें पप्पू यादव के नाम से जाना जाता है, ने 20-21 अक्टूबर 2025 के दौरान बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर एक चौंकाने वाला बयान दिया है। इस बयान ने प्रदेश की राजनीतिक गलियारों में खलबली मचा दी है। उन्होंने यह दावा किया है कि आगामी चुनाव के परिणाम के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एनडीए (भाजपा के नेतृत्व वाला गठबंधन) छोड़कर कांग्रेस (हाथ का चुनाव चिह्न) के साथ आ सकते हैं।
पप्पू यादव ने साफ शब्दों में कहा कि भाजपा नीतीश कुमार को उचित मान-सम्मान नहीं देगी, वहीं दूसरी ओर कांग्रेस उनका न केवल स्वागत करेगी बल्कि पूरा सम्मान भी देगी। यह टिप्पणी उन्होंने पटना में मीडियाकर्मियों के सामने महागठबंधन (कांग्रेस, आरजेडी और अन्य दल) की एकता और चुनावी कार्यनीति पर चर्चा के दौरान की।
यादव ने स्पष्ट रूप से कहा, "चुनाव परिणाम के बाद नीतीश कुमार मुख्यमंत्री की कुर्सी पर नहीं बैठेंगे। भाजपा उन्हें वह इज्जत नहीं देगी जिसके वे हकदार हैं, परंतु यदि वे चाहें तो कांग्रेस उनका भरपूर सम्मान करेगी और दिल खोलकर स्वागत भी करेगी।" उन्होंने आगे कहा कि एनडीए के भीतर नीतीश कुमार को किनारे किया जा रहा है और भाजपा उन्हें केवल अपने चुनावी फायदे के लिए इस्तेमाल कर रही है।
यादव ने महागठबंधन की मजबूती का दावा करते हुए कहा कि बिहार की जनता इस बार एनडीए को अपना मत नहीं देगी। उन्होंने यहां तक दावा किया कि "अकेला पप्पू यादव पूरी एनडीए को चुनौती दे सकता है।" उन्होंने आरजेडी के शीर्ष नेता लालू प्रसाद यादव से गुजारिश की कि गठबंधन की बेहतरी के लिए कांग्रेस की सीटों पर खड़े किए गए उम्मीदवारों को वापस ले लें।
पप्पू यादव ने अपने आप को कांग्रेस की विचारधारा का समर्थक बताया। उन्होंने बताया कि राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे की चुनावी रैलियां छठ पूजा समाप्ति के बाद आयोजित होंगी। नीतीश सरकार पर हमला करते हुए यादव ने कहा कि बीते दो दशकों में 'डबल इंजन' की सरकार होने के बाद भी बिहार की प्रति व्यक्ति आमदनी केवल 33-36 हजार रुपये तक सीमित रही है।
पूर्णिया में आयोजित एक जनसभा के दौरान पप्पू यादव की आंखें भर आईं और भावुक होकर उन्होंने फिर से नीतीश कुमार को कांग्रेस में शामिल होने का न्योता दिया। उन्होंने कहा, "नीतीश जी, आपका हार्दिक स्वागत है। सच्चा सम्मान केवल कांग्रेस ही दे सकती है।"
यह महत्वपूर्ण बयान बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के बीच सामने आया है, जब नामांकन की अंतिम तारीख बीत चुकी है। बिहार की राजनीति में नीतीश कुमार के 'गठबंधन बदलने' की चर्चा नई नहीं है—उन्होंने 2022 में एनडीए में प्रवेश किया था।
पप्पू यादव, जो 2024 के लोकसभा चुनाव में पूर्णिया सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में विजयी हुए थे, कांग्रेस के नजदीक माने जाते हैं। उन्होंने पहले भी स्पष्ट किया था कि वे कांग्रेस की विचारधारा से जुड़े हैं, भले ही औपचारिक तौर पर निर्दलीय हों।
यह बयान हिंदुस्तान, न्यूज18, टीवी9 हिंदी, आजतक, रिपब्लिक भारत, प्रभात खबर जैसे प्रमुख मीडिया संस्थानों में मुख्य खबर बना। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर #PappuYadav, #BiharElection2025 जैसे हैशटैग चर्चा में आ गए। कुछ नेटिजन्स ने इसे 'राजनीतिक नाटकबाजी' करार दिया, जबकि समर्थकों ने महागठबंधन की बढ़ती ताकत के रूप में इसकी सराहना की।
यह बयान महागठबंधन को मजबूत बनाने की दिशा में उठाया गया कदम प्रतीत होता है, लेकिन एनडीए इसे विपक्ष की कमजोरी के रूप में प्रस्तुत कर सकता है। राजनीतिक विशेषज्ञों का मत है कि इससे नीतीश कुमार के वफादार मतदाताओं के बीच भ्रम की स्थिति बन सकती है।







