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पाक रक्षा मंत्री की अफगानिस्तान को धमकी: समझौता नहीं तो खुला युद्ध

विदेश डेस्क, ऋषि राज |

पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच बढ़ते तनाव ने क्षेत्रीय सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ा दी है। शनिवार को पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा मुहम्मद आसिफ ने अफगानिस्तान को चेतावनी दी कि अगर दोनों देशों के बीच इस्तांबुल शांति वार्ता में कोई समझौता नहीं हुआ, तो इसका नतीजा “खुला युद्ध” हो सकता है। आसिफ ने कहा कि पाकिस्तान शांति चाहता है, लेकिन अगर अफगानिस्तान आतंकियों को शरण देता रहा तो कार्रवाई से पीछे नहीं हटेगा।

इस्तांबुल में दोनों देशों के प्रतिनिधियों के बीच वार्ता शनिवार को शुरू हुई और रविवार तक जारी रहने की उम्मीद है। इस वार्ता का मुख्य उद्देश्य दोहा युद्धविराम को दीर्घकालिक रूप से लागू करने और सीमा पर स्थायी शांति का ढांचा तैयार करना है। दरअसल, पिछले कुछ हफ्तों में पाक-अफगान सीमा पर घातक झड़पें हुई थीं, जिनमें दर्जनों लोगों की मौत हो गई थी। दोनों देशों ने कुछ दिन पहले अस्थायी युद्धविराम पर सहमति जताई थी।

ख्वाजा आसिफ ने अपने बयान में कहा, “हमारे पास दो रास्ते हैं; या तो समझौते की ओर बढ़ें या युद्ध के लिए तैयार रहें। हमने देखा है कि अफगान पक्ष अब शांति चाहता है, लेकिन अगर समझौता नहीं हुआ, तो पाकिस्तान खुली जंग के लिए भी तैयार है।”

रक्षा मंत्री के इस बयान के बाद दोनों देशों के बीच तनाव और बढ़ गया है। पाकिस्तान ने हाल के दिनों में अफगानिस्तान पर यह आरोप लगाया है कि वहां तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) के आतंकियों को सुरक्षित पनाह मिल रही है। पाकिस्तान का दावा है कि इन आतंकियों ने सीमा पार से उसके सैनिकों पर हमले किए हैं।

पिछले हफ्ते पाकिस्तान ने अफगान सीमा के अंदर कई हवाई हमले भी किए थे, जिनमें कुछ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया। इस कार्रवाई के बाद तालिबान ने इसे अफगानिस्तान की संप्रभुता का उल्लंघन बताया और चेतावनी दी कि अगर पाकिस्तान ने ऐसी कार्रवाई दोहराई तो जवाबी कदम उठाए जाएंगे।

विश्लेषकों का मानना है कि दोनों देशों के बीच यह तनाव न सिर्फ द्विपक्षीय संबंधों को नुकसान पहुँचा सकता है, बल्कि पूरे दक्षिण एशिया की स्थिरता पर भी असर डाल सकता है। संयुक्त राष्ट्र और तुर्की ने दोनों पक्षों से संयम बरतने और शांति वार्ता को सफल बनाने की अपील की है।

फिलहाल, इस्तांबुल में जारी बैठक से उम्मीद की जा रही है कि दोनों देशों के प्रतिनिधि किसी व्यावहारिक समाधान पर पहुंचेंगे। लेकिन अगर वार्ता असफल रही, तो पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच संघर्ष की स्थिति और भड़क सकती है।