विदेश डेस्क, ऋषि राज |
अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड (ACB) ने शनिवार को पुष्टि की कि पाकिस्तान की कथित एयरस्ट्राइक में तीन स्थानीय अफगान क्रिकेटर मारे गए हैं। इस हमले के बाद अफगानिस्तान ने पाकिस्तान और श्रीलंका के साथ होने वाली आगामी त्रिकोणीय टी20 सीरीज से अपना नाम वापस ले लिया है।
घटना का स्वरूप
घटना पाकिस्तान की ओर से की गई हवाई हमलों की पक्तिका प्रांत में हुई मानी जा रही है। ACB ने कहा कि ये खिलाड़ी उस समय मारे गए जब वे उर्गन जिले में एक सभा में थे — ये सभा शाराना से लौटने के बाद आयोजित की गई थी।
क्रिकेटरों की पहचान कबीर, सिबघतुल्लाह और हरून के रूप में की गई है।
ACB ने बयान में कहा कि “इन तीन खिलाड़ियों सहित पांच अन्य लोगों की शहादत हुई है, और सात अन्य घायल हुए हैं।”
प्रतिक्रिया और प्रतिबद्धता
इस त्रासदी की खबर मिलते ही क्रिकेट जगत और राष्ट्रव्यापी स्तर पर गहरा सदमा हुआ। अफगानिस्तान के कप्तान राशिद खान ने इस हमले को “अत्यंत अमानवीय और बर्बर” करार दिया। उन्होंने कहा कि निर्दोष नागरिकों और युवा खिलाड़ियों पर हमला मानवता के खिलाफ है।
पूर्व क्रिकेटर मोहम्मद नबी ने भी ट्वीट कर इस घटना की निंदा की और इसे “कायरतापूर्ण हमले” बताया। उन्होंने कहा कि यह हमला अफगान क्रिकेट और जनता दोनों के गौरव को चोट पहुंचाता है।
श्रृंखला से वापसी और उसके निहितार्थ
अफगानिस्तान ने यह निर्णय “पीड़ितों के प्रति सम्मान” के मद्देनजर लिया है। उन्होंने घोषणा की कि वे आगामी 17–29 नवंबर को होने वाली त्रिकोणीय टी20 श्रृंखला में हिस्सा नहीं लेंगे। उस श्रृंखला में घरेलू स्थल पाकिस्तान होंगे — लाहौर और रावलपिंडी में मुकाबले तय थे।
ACB के अनुसार, इस हिंसा ने अफगान खेल परिवार और क्रिकेट समुदाय को गहरा झटका दिया है।
पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच पहले से ही सीमा तनाव बढ़ रहा था। इस हमले ने दोनों देशों के बीच पूर्व में हुई संघर्ष स्थितियों को और तीव्र कर दिया है।
पाकिस्तान की कथित एयरस्ट्राइक में तीन अफगान क्रिकेटरों की मौत ने न सिर्फ एक राष्ट्रीय शोक को जन्म दिया है, बल्कि खेल और राजनीति दोनों क्षेत्रों में गर्मी बढ़ा दी है। यह घटना उस समय हुई है जब दोनों देश संघर्ष, सीमा तनाव और शांति समझौतों के बीच झूझ रहे हैं। अफगानिस्तान की श्रृंखला से वापसी संदेश देती है कि वह खिलाड़ियों और उन्हें सुरक्षित माहौल की अहमियत को प्राथमिकता देता है। भविष्य में इस घटना का असर क्रिकेट और विदेशनीति दोनों स्तरों पर देखा जाना बाकी है।







