स्टेट डेस्क, नीतीश कुमार
बिहार विधानसभा चुनाव में मिली हार का पश्चाताप करने के बाद प्रशांत किशोर ने अपना मौन तोड़ा है मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने 10-10 हजार रुपए देकर वोट खरीदे और यह काम अधिकारियों की मिलीभगत से हुआ। उन्होंने कहा कि अगर 6 महीने में महिलाओं को 2-2 लाख नहीं मिले तो वे एक-एक मंत्री और अफसर का घेराव करेंगे।
जनता से आर्थिक सहयोग की अपील
पीके ने बिहार में बदलाव के लिए नागरिकों से एक-एक हजार रुपए का सहयोग मांगा। उनके अनुसार, “जिसने हमारी मदद नहीं की, उन लोगों से में नहीं मिलूंगा। मैं एक साल में एक हजार मांग रहा हूं, चाहे तो ज्यादा भी दे सकते हैं।”
उन्होंने कहा कि लोगों को लग रहा है कि तीन साल बिहार घूमने में पैसा खत्म हो गया, लेकिन वे अगले पांच साल तक अपनी कमाई का 90% जनसुराज को देंगे। साथ ही, दिल्ली वाला घर छोड़कर अपनी पूरी संपत्ति संगठन को डोनेट करने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि अगले 20 महीनों में वे हर प्रखंड में एक दिन बिताएंगे और “अगर पैसे नहीं मिले तो जिन अफसरों ने वोट खरीदने में सरकार की मदद की, उनका घेराव होगा।”
नीतीश कैबिनेट पर हमला
प्रशांत किशोर ने नई नीतीश कैबिनेट को लेकर कहा कि “आपराधिक छवि वाले नेताओं को मंत्री बनाया गया है… बो सिर्फ इसलिए मंत्री बन गए, क्योंकि उनके पिता मंत्री थे।”
उन्होंने इसे नीतीश मंत्रिमंडल को घाव पर नमक लगाने जैसा बताया और आरोप लगाया कि भ्रष्टाचार और अपराध से जुड़े लोगों को ही सरकार में जगह दी गई है। उनके अनुसार, नीतीश और मोदी ने संदेश दे दिया है कि वोट खरीदकर सत्ता में आए हैं, इसलिए अब अपनी मर्जी से शासन करेंगे।
गांधी आश्रम में मौन व्रत
पीके ने पश्चिम चंपारण के भितिहरवा स्थित गांधी आश्रम में 24 घंटे का मौन व्रत रखा। वे वहीं धरना स्थल पर रातभर बैठे रहे और वहीं सो भी गए। जनसुराज की सभी 243 सीटों पर हार और 98% उम्मीदवारों की जमानत जब्त होने के बाद उन्होंने मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में हार की जिम्मेदारी ली थी और एक दिन का मौन उपवास करने की बात कही थी।
विरोध नहीं, आत्ममंथन
जनसुराज की ओर से कहा गया कि यह उपवास किसी विरोध का हिस्सा नहीं बल्कि आत्ममंथन का प्रयास है। प्रशांत किशोर संगठन की आगे की रणनीति और मिशन 2025 पर कई दिनों से विचार कर रहे थे, जिसके बाद उन्होंने यह शांतिपूर्ण उपवास किया।
वोट खरीदने पर NDA को घेरा
भोजपुरी अभिनेता एवं जनसुराज नेता रितेश पांडे ने आरोप लगाया कि बिहार में ईमानदारी की राजनीति लाने की कोशिश करने वालों के सामने वोट खरीदने जैसा घृणित तरीका अपनाया गया। उनके अनुसार, जिस राज्य में गरीबी है, वहीं लोगों की अस्मिता के साथ खिलवाड़ किया गया।







