
पूर्णिया, नीतीश कुमार |
पूर्णिया के एक सरकारी स्कूल में बीते चार महीनों से एक फर्जी थाना संचालित किया जा रहा था। इस थाने के फर्जी थानेदार ने लगभग 50 लाख रुपये की वसूली की। ठगी का मास्टरमाइंड राहुल साह था, जो NCC का कोर कैडर रह चुका है। उसके गिरोह में अधिकतर सदस्य भी NCC से ही जुड़े थे।
सरकारी नौकरी के नाम पर 45 उम्मीदवारों को दिया झांसा;
राहुल ने विधानसभा चुनाव से पूर्व ग्राम रक्षा दल और होमगार्ड में सरकारी नौकरी का भरोसा देकर 45 उम्मीदवारों को अपने झांसे में लिया और डेढ़ महीने तक ट्रेनिंग भी करवाई। 300 से ज्यादा लोगों से ग्राम रक्षा दल और होमगार्ड में भर्ती कराने के नाम पर 50 लाख रुपये की ठगी की। 100 से अधिक लोगों की फर्जी बहाली की जा चुकी थी, जिन्हें वर्दी, पहचान पत्र और डंडा भी मुहैया कराया गया था।
फरवरी से चल रहा था स्कूल में फर्जी थाना;
फरवरी महीने से ही एक सरकारी स्कूल से फर्जी थाना संचालित हो रहा था और स्थानीय पुलिस को इसकी भनक तक नहीं लगी। इस पूरे मामले का खुलासा दैनिक भास्कर की टीम द्वारा तब हुआ जब वह कसबा प्रखंड के बैतोना गांव पहुंची।
तीन कमरों में बनाकर चला रहा था थाना;
मध्य विद्यालय बैतोना के तीन कमरों को थाना का रूप देकर राहुल ने फर्जी थाना बनाया था। पुलिस कार्रवाई की भनक लगते ही राहुल अपनी टीम के साथ रातों-रात फरार हो गया। अब वे कमरे वीरान हैं और मवेशी उनमें घूमते नजर आते हैं।
स्थानीयों ने बताया – होती थी फर्जी पुलिसिंग और गश्त;
ग्रामीण जावेद अख्तर ने बताया कि ट्रेंड लड़का-लड़की को चौक पर सुरक्षा के लिए भेजा जाता था। दुकानदार जावेद ने बताया कि उनके लकड़ी की दुकान के बगल में ग्राम रक्षा दल का बोर्ड लग गया और लगभग 40-45 युवक-युवतियां प्रशिक्षण में भाग लेने लगे। गाड़ियों पर थाना का नाम भी लिखा था।
गश्ती, चेकिंग और त्योहारों में भी दिखाई दी फर्जी टीम की सक्रियता;
राहुल साह की टीम में 5-6 फर्जी सिपाही शामिल थे, जिनमें दो महिलाएं भी थीं। गश्ती के लिए कसबा थाना लिखा वाहन भी इस्तेमाल होता था। सरस्वती पूजा, होली, रमजान और ईद के दौरान फरकिया चौक, गांधी पुल और बाजार क्षेत्रों में यह टीम गश्ती करती थी।
शराब की खेप पकड़ने और चेकिंग के नाम पर वसूली;
नावेद अख्तर के पिता जावेद अख्तर ने बताया कि राहुल ने स्कूल में नाका खोलने की बात कहकर लोगों और विद्यालय प्रबंधन को भ्रमित किया था। सुबह 8 बजे थाना खुलता और शाम 5 बजे बंद हो जाता। इस दौरान रात्रि गश्ती, वाहन जांच और शराब बरामदगी के नाम पर लाखों की वसूली की गई।
ठगी का जाल एक साल पहले से बुना गया था;
खुश्कीबाग की सिमरन चौहान, गांधी नगर के संजीव कुमार, कसबा के गौरव कुमार, गांधी नगर के मानिक कुमार मंडल और संजना कुमारी ने बताया कि यह साजिश लगभग एक साल पहले से शुरू हो गई थी।
वॉट्सऐप ग्रुप बना युवाओं को जोड़ा, बड़े अधिकारी से कनेक्शन का झांसा;
राहुल साह, जो कसबा नगर परिषद के वार्ड-23 के नेमा टोल का निवासी है, अपने प्रभावशाली कनेक्शन और जल्द अमीर बनने की बात कहकर युवाओं को अपने जाल में फंसाता था। उसने 'ग्रामीण रक्षा दल मोहिनी' नाम से वॉट्सऐप ग्रुप बनाया और युवाओं को उसमें जोड़ा।
300 से अधिक लोग झांसे में आए, वर्दी और पहचान पत्र तक मिला;
सिमरन और संजना ने बताया कि वे गांधी नगर के दोस्तों के जरिए राहुल से जुड़ी थीं। राहुल ने हर उम्मीदवार से 15 से 20 हजार रुपए लिए और बदले में वर्दी, पहचान पत्र और पुलिस की लाठी दी।
स्कूल कैंपस में दी गई थी ट्रेनिंग, वाहन जांच और गश्त भी कराई गई;
45 लोगों को डेढ़ महीने तक स्कूल में ट्रेनिंग दी गई। राहुल ने उन्हें ग्रामीण इलाकों में मोटरसाइकिल की जांच और हेलमेट व ड्राइविंग लाइसेंस चेक करना सिखाया। इस दौरान जो भी रुपए वसूले गए, उन्हें राहुल ने खुद रख लिया।
फर्जी बहाली के बाद भी नहीं मिली सैलरी, भंडाफोड़ की शुरुआत यहीं से हुई;
नावेद अख्तर ने बताया कि मार्च में उनकी ज्वॉइनिंग हो चुकी थी लेकिन दो महीने तक वेतन नहीं मिला। जब समूह बनाकर राहुल के घर पहुंचे तो उसकी मां ने अपशब्द कहे, जिससे मामला गरमा गया। इसके बाद राहुल और उसकी टीम फरार हो गई।
एनसीसी में मिला था राहुल से परिचय, दरोगा बन घूमता था;
एक पीड़िता ने बताया कि उसकी राहुल से मुलाकात NCC के दौरान हुई थी। राहुल ने ग्राम रक्षा दल में नौकरी देने का वादा किया था और 5 से 10 हजार रुपये वसूले थे। 22 हजार की सैलरी का वादा भी किया गया था। उसने आईकार्ड भी दिया था। पीड़िता की मां ने भी मोइनी थाना में दो महीने तक ड्यूटी की थी।
बंगाल तक चल रही है छापेमारी;
कसबा थानाध्यक्ष अजय कुमार अजनबी के अनुसार, चार दिन पहले राहुल के खिलाफ लिखित शिकायत दर्ज की गई थी। जांच में पता चला कि राहुल बंगाल भाग चुका है, जिसकी गिरफ्तारी के लिए छापेमारी जारी है।