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पूर्व जदयू विधायक हेमनारायण साह की संपत्ति कुर्क करने का आदेश, बॉडीगार्ड को हथियार सत्यापन के दौरान लगी गोली

बिहार, वेरोनिका राय |

जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के पूर्व विधायक हेमनारायण साह की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं। मारपीट और लूटपाट से जुड़े एक पुराने मामले में अदालत में अनुपस्थित रहने के कारण सीवान के अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी सह विशेष एमपी-एमएलए अदालत ने उनकी और अन्य सह-अभियुक्तों की संपत्ति को कुर्क करने की प्रक्रिया शुरू करने का आदेश पारित किया है।

मामला वर्ष 2002 का है, जब अधिवक्ता कृष्णकांत सिंह ने साह और अन्य के खिलाफ परिवाद संख्या 418/2002 के तहत शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत में आरोप लगाया गया था कि साह ने मारपीट कर उनके पैसे लूट लिए थे। इस मामले में अदालत ने अभियुक्तों की प्रथम दृष्टि में संलिप्तता मानते हुए उन्हें तलब किया था। लेकिन लंबे समय तक पेश नहीं होने पर पूर्व विधायक और सह-अभियुक्तों के खिलाफ गैर-जमानती वारंट (NBW) जारी किया गया था।

हालांकि, इसके बावजूद साह अदालत में उपस्थित नहीं हुए। उनकी लगातार अनुपस्थिति को गंभीरता से लेते हुए अदालत ने अब उनकी संपत्ति कुर्क करने का आदेश दिया है। यह कार्रवाई विचारण वाद संख्या 446/23 के अंतर्गत की जा रही है।

इस बीच, एक अन्य घटना में पूर्व विधायक के अंगरक्षक जनकदेव सिंह को गोली लगने की खबर सामने आई है। यह हादसा महाराजगंज प्रखंड कार्यालय में हुआ, जहां सिंह अपने लाइसेंसी पिस्टल का सत्यापन कराने पहुंचे थे। इसी दौरान अचानक गोली चल गई, जो उनके पैर में जा लगी। मौके पर मौजूद लोगों ने उन्हें तत्काल इलाज के लिए सीवान सदर अस्पताल पहुंचाया, जहां से उन्हें बेहतर इलाज के लिए पटना रेफर कर दिया गया।

डॉक्टरों के अनुसार, जनकदेव सिंह की स्थिति खतरे से बाहर है और उन्हें उचित इलाज मिल रहा है। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस ने मौके पर पहुंचकर जांच शुरू कर दी है। हादसे को प्रथम दृष्टया लापरवाही माना जा रहा है।

इन दोनों घटनाओं ने पूर्व विधायक हेमनारायण साह को एक बार फिर सुर्खियों में ला दिया है। जहां एक ओर अदालत की सख्ती उनकी मुश्किलें बढ़ा रही है, वहीं अंगरक्षक की गोलीकांड से सुरक्षा में लापरवाही के सवाल खड़े हो रहे हैं।