
लोकल डेस्क, एन. के. सिंह।
अरेराज अनुमंडल और पूर्वी चंपारण के छात्रों को उच्च शिक्षा के लिए अब नहीं खानी पड़ेगी दर दर की ठोकरें।
पूर्वी चंपारण: जद (यू०) बिहार के प्रदेश सचिव और नरकटियागंज विधानसभा के प्रभारी साकेत सिंह की अथक मेहनत और दूरदर्शिता ने पूर्वी चंपारण जिले के छात्रों के लिए एक बड़ी सौगात दी है। उनकी पहल पर, महामहिम राज्यपाल, बिहार ने अरेराज स्थित महंत शिव शंकर गिरी महाविद्यालय में स्नातकोत्तर (पी.जी.) और बी.एड. (बैचलर ऑफ एजुकेशन) की पढ़ाई शुरू करने की मांग को स्वीकार कर लिया है। इस कदम को क्षेत्र में शिक्षा के क्षेत्र में एक क्रांतिकारी बदलाव के रूप में देखा जा रहा है।
राजभवन का ऐतिहासिक कदम
साकेत सिंह ने बताया कि उनकी अपील को गंभीरता से लेते हुए, राजभवन ने इस मांग को मंजूरी दी और इसकी एक प्रति कुलपति को आगे की कार्रवाई के लिए भेजी है। साकेत सिंह को भी राजभवन से इस निर्णय की एक प्रति प्राप्त हुई है। इस ऐतिहासिक फैसले से न केवल अरेराज अनुमंडल बल्कि पूरे जिले के हजारों छात्र-छात्राओं को उच्च शिक्षा के लिए दूर-दराज के शहरों में नहीं भटकना पड़ेगा। यह कदम उनके लिए मील का पत्थर साबित होगा।
साकेत सिंह का समर्पण और दूरदर्शिता
साकेत सिंह, जो अपनी राजनीतिक और सामाजिक गतिविधियों के लिए जाने जाते हैं, ने शुरू से ही शिक्षा को अपनी प्राथमिकता में रखा है। उन्होंने क्षेत्र के युवाओं की जरूरतों को समझा और उच्च शिक्षा की कमी को महसूस किया। इसी सोच के साथ उन्होंने महामहिम राज्यपाल से व्यक्तिगत रूप से मिलकर इस महत्वपूर्ण मांग को उठाया। उनकी दृढ़ता और प्रतिबद्धता का ही नतीजा है कि आज यह सपना साकार होने जा रहा है।
इस सफलता पर साकेत सिंह ने बिहार के महामहिम राज्यपाल का कोटि-कोटि आभार प्रकट किया और कहा, "यह सिर्फ मेरी सफलता नहीं, बल्कि अरेराज और पूर्वी चंपारण के सभी छात्रों और उनके अभिभावकों की जीत है। मैं इस पुनीत कार्य के लिए महामहिम राज्यपाल महोदय का हृदय से धन्यवाद करता हूँ।"
क्षेत्र के लिए शिक्षा का नया अध्याय
अब तक, महंत शिव शंकर गिरी महाविद्यालय में केवल स्नातक स्तर तक की पढ़ाई होती थी। पी.जी. और बी.एड. की कक्षाओं के शुरू होने से न सिर्फ छात्र-छात्राओं को उच्च शिक्षा मिलेगी, बल्कि उन्हें शिक्षक बनने के लिए आवश्यक प्रशिक्षण भी स्थानीय स्तर पर ही मिल पाएगा। इससे समय, धन और ऊर्जा की बचत होगी।
साकेत सिंह की इस पहल ने यह साबित किया है कि यदि जन प्रतिनिधि में जनहित का सच्चा भाव हो, तो कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं है। उनकी इस उपलब्धि को पूरे क्षेत्र में एक नई दिशा देने वाले कदम के रूप में देखा जा रहा है।