
विदेश डेस्क, ऋषि राज |
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को राष्ट्रपति निवास व्हाइट हाउस में एक नई “प्रेसिडेंशियल वॉक ऑफ फेम” गैलरी का अनावरण किया। इस गैलरी में अमेरिका के अब तक के सभी राष्ट्रपतियों के चित्र और छायाचित्र प्रदर्शित किए गए हैं। लेकिन इस पूरे आयोजन के दौरान सबसे अधिक चर्चा का विषय यह रहा कि पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडेन का चित्र वहां नहीं लगाया गया। उनकी जगह एक पेन की तस्वीर प्रदर्शित की गई, जिससे राजनीतिक हलकों में नए विवाद की शुरुआत हो गई है।
क्या है “प्रेसिडेंशियल वॉक ऑफ फेम”?
व्हाइट हाउस परिसर के वेस्ट विंग कॉलोनैड में बनाई गई इस गैलरी में सभी पूर्व राष्ट्रपतियों के छायाचित्र सुनहरे फ्रेम में सजाए गए हैं। यह परंपरा राष्ट्रपति जॉर्ज वॉशिंगटन से शुरू होकर अब तक के सभी राष्ट्रपतियों को सम्मानित करने के लिए निभाई जाती रही है। वर्तमान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप तक के चित्र इस गैलरी में मौजूद हैं।
बाइडेन का चित्र क्यों नहीं?
गैलरी में डोनाल्ड ट्रंप से पहले राष्ट्रपति रहे जो बाइडेन का आधिकारिक चित्र लगाने के बजाय वहां एक पेन की तस्वीर रखी गई है। यह पेन उस क्षण का प्रतीक बताया गया है जब राष्ट्रपति अपने कार्यकाल के दौरान महत्वपूर्ण दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करते हैं। हालांकि, आलोचकों का कहना है कि यह कदम जानबूझकर उठाया गया है ताकि बाइडेन को नज़रअंदाज किया जा सके।
व्हाइट हाउस के सूत्रों ने बताया कि “बाइडेन के आधिकारिक चित्र” की स्वीकृति और प्रदर्शनी की प्रक्रिया अभी अधूरी है, इसलिए अस्थायी रूप से पेन की तस्वीर लगाई गई है। लेकिन विरोधी दलों का मानना है कि यह कदम ट्रंप प्रशासन की राजनीतिक मंशा को दर्शाता है।
विपक्ष और जनता की प्रतिक्रिया
डेमोक्रेटिक पार्टी से जुड़े नेताओं ने इसे “असम्मानजनक” और “पूर्व राष्ट्रपति की विरासत के साथ छेड़छाड़” करार दिया है। उनका कहना है कि राष्ट्रपति चाहे किसी भी पार्टी से हों, उन्हें ऐतिहासिक गैलरी में समान सम्मान मिलना चाहिए। कई सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं ने भी इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी और लिखा कि यह परंपरा और लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ है।
दूसरी ओर, ट्रंप समर्थकों ने इस फैसले को जायज़ ठहराते हुए कहा कि बाइडेन के कार्यकाल में लिए गए फैसले विवादास्पद थे और इस कारण उनका चित्र प्रदर्शित करने से पहले गहन समीक्षा होनी चाहिए।
व्हाइट हाउस की नई “प्रेसिडेंशियल वॉक ऑफ फेम” गैलरी ऐतिहासिक महत्व की है, लेकिन बाइडेन का चित्र न होना और उसकी जगह पेन की फोटो लगना इसे विवादों के घेरे में ले आया है। यह कदम अमेरिकी राजनीति में सत्ता संघर्ष और आपसी कटुता की झलक पेश करता है।