
राष्ट्रीय डेस्क, आर्या कुमारी |
दिल्ली पुलिस ने एक बड़े कुरियर घोटाले का पर्दाफाश करते हुए 30 लाख रुपये मूल्य के 350 से अधिक मोबाइल फोन बरामद किए हैं और चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
घटना की शुरुआत
यह मामला तब सामने आया जब सीवान, बिहार के एक मोबाइल व्यापारी ने 6 सितंबर को करोल बाग थाना में ई-एफआईआर दर्ज कराई। व्यापारी ने बताया कि उसने 31 अगस्त को करोल बाग के थोक विक्रेताओं से 385 नए मोबाइल फोन का ऑर्डर दिया था, परंतु जो पार्सल उसके पास पहुंचा उसमें केवल रद्दी कागज और कार्डबोर्ड भरे हुए थे।
पार्सल में मिली सिर्फ रद्दी
पुलिस के अनुसार यह माल कूरियर के माध्यम से बुक किया गया था और ट्रेन से सीवान भेजा जाना था। डीसीपी निधिन वलसन ने बताया, "जब बिहार में माल पहुंचाया गया, तो व्यापारी को पता चला कि चारों पार्सल में मोबाइल फोन की बजाय सिर्फ कार्डबोर्ड और रद्दी कागज भरे हुए हैं। यह देखकर व्यापारी का कलेजा दहल गया।"
जांच और गिरफ्तारी
शिकायत के बाद पुलिस ने व्यापक छानबीन शुरू की। करोल बाग और झंडेवालान क्षेत्र के सैकड़ों सीसीटीवी कैमरों की निगरानी की गई और संदिग्ध कूरियर वाहन तथा ई-रिक्शा की गतिविधियों पर नजर रखी गई।
सीसीटीवी फुटेज और मुखबिरों की जानकारी के आधार पर पुलिस ने शनिवार को बीड़नपुरा में छापेमारी की। इस कार्रवाई में दो भाइयों - 27 वर्षीय अभिषेक सिंह और 22 वर्षीय विकास सिंह तोमर को गिरफ्तार किया गया। अभिषेक बीएचआर कूरियर में कूरियर ड्राइवर का काम करता था जबकि विकास एक ई-रिक्शा चालक है।
चोरी का खुलासा
तलाशी के दौरान पुलिस ने 376 चुराए गए मोबाइल फोनों से भरे छह बक्सों के साथ एक ई-रिक्शा बरामद किया। पूछताछ में खुलासा हुआ कि आर्थिक परेशानियों से जूझ रहे विकास ने कथित तौर पर अपने मित्र किशन चौहान के साथ मिलकर महंगे कूरियर पार्सल चुराने की योजना बनाई थी।
अन्य गिरफ्तारियां
पुलिस ने बताया कि निरंतर तकनीकी और मैन्युअल निगरानी के पश्चात अशोक पहाड़ी, झंडेवालान से 20 वर्षीय किशन और उत्तम नगर से 28 वर्षीय चेतन झा को गिरफ्तार किया गया। पुलिस अभी भी बाकी चुराए गए फोनों का पता लगाने और यह जांचने में जुटी है कि इस साजिश में कोई और व्यक्ति शामिल था या नहीं।