विदेश डेस्क, वेरोनिका राय |
फ्रांस और कोरिया को पछाड़कर चौथे नंबर पर पहुंची भारतीय वायुसेना, जानिए कितनी ताकतवर है 'आसमान की शेरनी'
भारतीय वायुसेना (Indian Air Force) आज दुनिया की सबसे ताकतवर वायु सेनाओं में गिनी जाती है। ग्लोबल फायरपावर इंडेक्स 2025 (Global Firepower Index 2025) की रिपोर्ट इस बात की पुष्टि करती है कि भारतीय वायुसेना अब दुनिया में चौथे स्थान पर पहुंच गई है। इस सूची में भारत ने फ्रांस, दक्षिण कोरिया, जापान, तुर्की और पाकिस्तान जैसे देशों को पीछे छोड़ दिया है।
भारतीय वायुसेना की यह उपलब्धि न सिर्फ तकनीकी शक्ति का प्रतीक है, बल्कि यह देश की सुरक्षा और गौरव का भी प्रतीक बन चुकी है। इंडियन एयरफोर्स डे के मौके पर आइए जानते हैं कि आखिर भारतीय वायुसेना कितनी ताकतवर है, उसके पास कौन-कौन से लड़ाकू विमान हैं, और उसने अब तक कौन-कौन से ऐतिहासिक अभियान चलाकर इतिहास रचा है।
भारतीय वायुसेना की ताकत और रैंकिंग
ग्लोबल फायरपावर इंडेक्स 2025 के अनुसार, भारत की वायुसेना दुनिया में चौथे स्थान पर है। इस रैंकिंग में अमेरिका, रूस और चीन पहले तीन स्थानों पर हैं, जबकि भारत चौथे स्थान पर मजबूती से खड़ा है। भारतीय वायुसेना के पास 1,500 से अधिक विमान हैं, जिनमें लड़ाकू जेट, ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट, हेलीकॉप्टर और ड्रोन शामिल हैं।
यह वायुसेना देश की सीमाओं की सुरक्षा के साथ-साथ प्राकृतिक आपदाओं के समय राहत और बचाव कार्यों में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
वायुसेना के प्रमुख लड़ाकू विमान (Combat Jets)
भारतीय वायुसेना के पास कई अत्याधुनिक और शक्तिशाली फाइटर जेट्स हैं, जो इसे दुनिया की सबसे सक्षम सेनाओं में शामिल करते हैं।
1. सुखोई Su-30MKI
- भारत के पास करीब 275 सुखोई विमान हैं।
- यह रूस से मिले विमान हैं, जिन्हें अब भारत में हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) बनाती है।
- यह दो सीटों वाला सुपरसोनिक फाइटर जेट है जो 2,100 किमी/घंटा की रफ्तार से उड़ सकता है।
- यह 38,000 किलोग्राम वजन लेकर उड़ान भर सकता है और हवा से हवा और हवा से जमीन पर सटीक हमला करने में सक्षम
2. राफेल (Rafale)
- भारत के पास 30 से अधिक राफेल जेट हैं।
- फ्रांस से खरीदे गए इन विमानों की खासियत है कि ये एक मिनट में 2,500 गोलियां दाग सकते हैं।
- इसका रडार इतना पावरफुल है कि 100 किमी की दूरी से 40 टारगेट्स को ट्रैक कर सकता है।
- यह 25,500 किलो भार लेकर उड़ सकता है और दुश्मन को बिना रडार पर आए मार गिराने की क्षमता रखता है।
3. तेजस (Tejas)
- यह भारत का पहला स्वदेशी लड़ाकू विमान है, जिसे DRDO और HAL ने मिलकर बनाया है।
- तेजस मार्क-1ए (Tejas Mk1A) इसका एडवांस्ड वर्जन है।
- यह हल्का, फुर्तीला और अत्याधुनिक मिसाइल सिस्टम से लैस विमान है, जो कई टारगेट्स को एक साथ हिट कर सकता है।
- इस विमान ने भारत को उन चुनिंदा देशों की सूची में शामिल कर दिया जो अपना लड़ाकू विमान खुद बनाते हैं।
4. मिराज-2000 (Mirage 2000)
- यह फ्रांस का मल्टी-रोल फाइटर जेट है, जिसने कारगिल युद्ध (1999) में अहम भूमिका निभाई।
- इसका लेज़र गाइडेड बम सिस्टम इतना सटीक है कि रात के अंधेरे में भी दुश्मन के बंकरों को तबाह कर सकता है।
- टाइगर हिल पर इसके हमलों ने भारत को विजय दिलाने में मदद की।
5. MiG-29 UPG
- भारतीय वायुसेना के पास मिग-29 अपग्रेडेड वर्जन (UPG) भी हैं।
- यह हवा से हवा और हवा से जमीन पर दोनों तरह के हमले कर सकता है।
- इसे अब HSLD-Mk II प्रिसिजन गाइडेड बम से लैस किया जा रहा है जिससे इसकी मारक क्षमता और बढ़ जाएगी।
भारतीय वायुसेना के ऐतिहासिक मिशन
भारतीय वायुसेना ने स्वतंत्रता के बाद से अब तक कई ऐतिहासिक अभियान चलाए हैं जिन्होंने इसकी वीरता और रणनीतिक क्षमता को साबित किया।
- ऑपरेशन विजय (1947-48): पाकिस्तान के हमले से जम्मू-कश्मीर की रक्षा की और सेना को एयरलिफ्ट कर पहुंचाया।
- ऑपरेशन विजय (1961): गोवा को पुर्तगाल के शासन से मुक्त कराया।
- भारत-पाक युद्ध (1965): पाकिस्तानी ठिकानों को नष्ट कर पश्चिमी मोर्चे पर बड़ी जीत हासिल की।
- ऑपरेशन चंगेज खान (1971): बांग्लादेश की आजादी में निर्णायक भूमिका निभाई।
- ऑपरेशन मेघदूत (1984): सियाचिन ग्लेशियर पर नियंत्रण कर इतिहास रचा।
- ऑपरेशन पूमलाई (1986-87): श्रीलंका में तमिल नागरिकों को राहत पहुंचाई।
- ऑपरेशन सफेद सागर (1999): कारगिल युद्ध के दौरान दुश्मन के ठिकानों पर सटीक हवाई हमले किए।
- ऑपरेशन बंदर (2019): पुलवामा हमले के जवाब में पाकिस्तान के बालाकोट में आतंकी ठिकानों को तबाह किया।
- ऑपरेशन स्नो लेपर्ड (2020-21): चीन से तनाव के बीच लद्दाख में वायुसेना ने मोर्चा संभाला।
भारतीय वायुसेना आज न केवल देश की सुरक्षा की रीढ़ है बल्कि आत्मनिर्भर भारत का प्रतीक भी बन चुकी है। स्वदेशी तकनीक, आधुनिक विमानों और बहादुर जवानों की बदौलत यह अब विश्व की चौथी सबसे ताकतवर वायुसेना बन चुकी है। चाहे युद्ध हो, प्राकृतिक आपदा या सीमा पर संकट — भारतीय वायुसेना हर स्थिति में “नभः स्पृशं दीप्तम्” (आसमान को छूने की चमक) की भावना के साथ देश की रक्षा में तत्पर रहती है।







