नेशनल डेस्क, आर्या कुमारी |
बागपत के गांगनौली गांव की मस्जिद में मौलाना इब्राहिम की पत्नी और दो बेटियों की हत्या ने सभी को दहला दिया। आरोपी रिहान, जो मौलाना से कुरान पढ़ता था, सख्ती और डांट से नाराज़ होकर बदले की आग में जल उठा। उसने CCTV फुटेज डिलीट करने के बाद हथौड़ी से तीनों की हत्या कर दी। मौलाना जब देवबंद से लौटे, तो उनका पूरा परिवार खत्म हो चुका था।
गांगनौली की उस मस्जिद में, जहां हर सुबह कुरान की तिलावत गूंजती थी, अब सन्नाटा पसरा है। उसी कमरे से तीन लाशें मिलीं: मौलाना की पत्नी इसराना और उनकी दो मासूम बेटियां।
कुरान से दूरी बनाने लगा रिहान
मुफ़्ती इब्राहिम वर्षों से बच्चों को कुरान शरीफ की तालीम देते आ रहे हैं। उन्हीं के पास एक किशोर रिहान भी पढ़ने आता था। शुरुआत में सब ठीक था, लेकिन धीरे-धीरे रिहान का मन हटने लगा। मौलाना कभी समझाते, कभी डांटते। उनकी पत्नी भी अनुशासन में रखने की कोशिश करतीं। पर यही सख्ती उसके भीतर नफरत का ज़हर बन गई। उसने एक साथी के साथ मिलकर साजिश रच डाली।
रिहान का हमला और खामोश रात
एक रात वह मस्जिद में चोरी-छिपे घुसा, पहले CCTV फुटेज डिलीट की, फिर मौलाना की पत्नी पर हथौड़ी से ताबड़तोड़ वार किए। कुछ ही पलों में सब खत्म हो गया। तभी मौलाना की पांच साल की बेटी जाग गई। उसने सब देखा, चीखी, भागी — लेकिन रिहान ने उसे और उसकी छोटी बहन को भी नहीं छोड़ा। CCTV में घटना से पहले रिहान और उसका साथी मस्जिद में दाखिल होते दिखे। उसके बाद कैमरे बंद कर दिए गए।
जब मौलाना देवबंद से लौटे, तो सबकुछ खत्म हो चुका था। उनकी आंखों में सूखे आंसू थे, लबों पर सवाल — “क्या यही इनाम था तालीम का?” मौलाना बोले, “मेरी बेटी ने कुछ देर पहले मैसेज किया था — अब्बू, रिहान जैसा खिलौना लाना। मुझे नहीं पता था कि वही रिहान मेरी बेटियों की सांसें छीन लेगा।” अब उस मस्जिद में, जहां कभी कुरान की आवाज़ गूंजती थी, वहां मातम पसरा है — और दीवारें अब भी गवाह हैं कि कैसे एक नाफरमान शिष्य ने अपने गुरु की दुनिया उजाड़ दी।







