Ad Image
Ad Image
दिल्ली पुलिस ने साइबर अपराधियों के लिए चलाया साईं हॉक अभियान, 48 घंटे में 800 गिरफ्तार || झारखंड की मंत्री दीपिका पाण्डेय का EC पर हमला, SIR के कारण हारा महागठबंधन || पूर्वी चंपारण के रक्सौल में VIP पार्टी के अनुमंडल प्रमुख की गोली मार हत्या || राष्ट्रपति ट्रंप ने यूक्रेन से शांति समझौते के प्रस्ताव को जल्दी स्वीकार करने का आग्रह किया || ईरान पर अमेरिका की सख्ती, आज नए प्रतिबंधों का किया ऐलान || BJP को 90 पर लीड, JDU को 80 पर लीड, महागठबंधन फेल || नीतीश कुमार CM हैं और आगे भी रहेंगे: जेडीयू की प्रतिक्रिया || NDA को शानदार बढ़त, 198 पर लीड जबकि महागठबंधन को 45 पर लीड || तुर्की : सैन्य विमान दुर्घटना में मृत सभी 20 सैनिकों के शव बरामद || RJD के एम एल सी सुनील सिंह का भड़काऊ बयान, DGP के आदेश पर FIR

The argument in favor of using filler text goes something like this: If you use any real content in the Consulting Process anytime you reach.

  • img
  • img
  • img
  • img
  • img
  • img

Get In Touch

बाबा बागेश्वर की कसम: दो सपने पूरे कर दो, जिंदगीभर दक्षिणा नहीं लूंगा

नेशनल डेस्क, वेरोनिका राय |

देशभर में अपने दिव्य दरबार और कथाओं के लिए चर्चित कथावाचक धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री उर्फ बाबा बागेश्वर ने बड़ा ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि अगर कोई व्यक्ति उनके दो महत्वपूर्ण संकल्प पूरे कर दे, तो वह जीवनभर किसी भी कथा के बदले एक रुपया भी दक्षिणा नहीं लेंगे।

अखिलेश यादव पर जवाब

टीवी के एक कार्यक्रम में बाबा बागेश्वर से सवाल पूछा गया कि पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का कहना है— “अगर कोई बाबा बागेश्वर से कथा कराना चाहे तो 50 लाख रुपये खर्च करने पड़ते हैं, गरीब आदमी की हैसियत नहीं है।”

इस पर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा; “हम दक्षिणा लेते हैं, इसमें कोई संदेह नहीं, लेकिन जितनी रकम का दावा किया गया है, उतनी हमने कभी नहीं ली। अगर अखिलेश यादव की श्रद्धा जागती है तो हम उनके गांव में कथा करने आएंगे। टेंट भी अपना लाएंगे, साउंड भी अपना लाएंगे, यजमान वही होंगे और एक रुपया दक्षिणा भी नहीं लेंगे।”

“दो मजबूरियां हैं, तभी लेते हैं दक्षिणा”

धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने स्पष्ट किया कि वह धन के लिए कथा नहीं करते, बल्कि दो विशेष उद्देश्यों के लिए दक्षिणा स्वीकारते हैं—

1. कैंसर हॉस्पिटल का निर्माण – “हमारा क्षेत्र बहुत पिछड़ा है, गरीबी है और लोग आस्था के नाम पर धर्मांतरण कर रहे हैं। मेरी इच्छा है कि मंदिर बनाकर नहीं, बल्कि अस्पताल बनाकर मरे।”
2. अन्नपूर्णा भंडारा – “हम चाहते हैं कि कोई भूखा न रहे। दक्षिणा से मिलने वाली राशि का एक बड़ा हिस्सा भंडारे में जाता है।”

बाबा बागेश्वर ने हनुमान जी की कसम खाते हुए कहा; “यदि कोई कैंसर हॉस्पिटल और अन्नपूर्णा भंडारा का संकल्प ले ले और करने को तैयार हो जाए, तो मैं जिंदगीभर अपनी जेब में एक रुपया नहीं रखूंगा। कथा कराऊंगा, लेकिन दक्षिणा नहीं लूंगा। मेरी कथा कभी भी धन कमाने के लिए नहीं रही। जो कुछ लोग देते हैं, वह समाज के भले में ही लगता है।”

“देश में करोड़ों लेने वाले और भी हैं”

धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने सवाल उठाया कि जब इस देश में नाचने वाले करोड़ों लेते हैं, नेता वेतन लेते हैं और घूसखोरी भी होती है, तो धर्म के नाम पर मिली दक्षिणा से अगर बेटियों की शादी हो, अस्पताल बने या भंडारा हो, तो इसमें क्या बुराई है? उन्होंने कहा, “दूध का धुला कोई नहीं है, लेकिन यदि दक्षिणा का सदुपयोग समाज के भले में हो तो यह सराहनीय है। हम न तो निजी विलासिता के लिए लेते हैं और न ही जेब में रखते हैं। यह सब कुछ समाज को लौटाने के लिए ही है।” धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का यह बयान राजनीतिक हलकों में चर्चा का विषय बन गया है। उन्होंने स्पष्ट कर दिया है कि यदि उनके दो बड़े सपने; कैंसर हॉस्पिटल और अन्नपूर्णा भंडारा पूरा हो जाएं, तो वह कथावाचन के लिए कभी दक्षिणा नहीं लेंगे।