स्टेट डेस्क, आर्या कुमारी |
बिहार विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने अपनी नई सूची जारी की है, जिसमें 6 उम्मीदवारों के नाम शामिल हैं। पार्टी ने अब तक कुल 60 सीटों पर प्रत्याशी घोषित कर दिए हैं। पहली लिस्ट 17 अक्टूबर को जारी हुई थी, जिसमें 48 नाम थे, जबकि दूसरी में 1, तीसरी में 5 और चौथी में 6 उम्मीदवारों की घोषणा की गई।
कांग्रेस की नई सूची के मुताबिक, वाल्मीकिनगर से सुरेंद्र प्रसाद कुशवाहा, अररिया से अबीदुर रहमान, अमौर से जलील मस्तान, बरारी से तौकीर आलम, कहलगांव से प्रवीण सिंह कुशवाहा और सिकंदरा से विनोद चौधरी को टिकट दिया गया है।
कहलगांव सीट पर कांग्रेस ने प्रवीण कुशवाहा को उतारकर आरजेडी के साथ जारी टकराव को और दिलचस्प बना दिया है। वहीं, सिकंदरा से विनोद चौधरी पर पार्टी ने भरोसा जताया है। समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, बिहार चुनाव से पहले INDIA ब्लॉक में मतभेद खुलकर सामने आ गए हैं। आरजेडी और कांग्रेस दोनों ही दलों के असंतुष्ट नेताओं ने टिकट वितरण में गड़बड़ी और पैसों के लेनदेन के आरोप लगाए हैं।
नामांकन की आखिरी तारीख से 24 घंटे पहले तक भी INDIA गठबंधन मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार और छह सहयोगी दलों के बीच सीट बंटवारे पर सहमति नहीं बना सका है।
इस बीच, आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव अपने आवास पर मनमाने तरीके से चुनाव चिन्ह बांटते देखे गए। इस पर पार्टी की मीडिया सेल प्रमुख रितु जायसवाल नाराज़ हो गईं। उन्होंने ऐलान किया कि वे परिहार सीट से आधिकारिक उम्मीदवार स्मिता पूर्वे के खिलाफ निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ेंगी। अपने फेसबुक पोस्ट में उन्होंने लिखा, “2020 में मेरी हार के पीछे स्मिता पूर्वे के ससुर रामचंद्र पूर्वे का हाथ था।”
वहीं, लालू यादव के 10 सर्कुलर रोड स्थित आवास पर पूरे दिन टिकट चाहने वालों की भीड़ उमड़ी रही। टिकट न मिलने से कई नेता भड़क उठे। मधुबन सीट से पिछली बार मामूली अंतर से हारे मदन प्रसाद साह टिकट कटने की खबर सुनकर फूट-फूटकर रो पड़े। उन्होंने कपड़े फाड़ लिए और सड़क पर लेटकर विरोध जताया। उनका कहना था, “मैंने 1990 के दशक से लालू यादव का साथ दिया है और 2020 के चुनाव में लड़ने के लिए अपनी जमीन तक बेच दी थी।” साह ने तेजस्वी यादव पर आरोप लगाया कि वे “घमंडी हो गए हैं” और टिकट एक “BJP एजेंट” को दे दिया गया है।







