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बिहार पुलिस को मिले 26 नए DSP

स्टेट डेस्क |

बिहार पुलिस को मिले 26 नए DSP, अत्याधुनिक प्रशिक्षण के साथ ड्यूटी पर होंगे तैनात

बिहार पुलिस अकादमी, राजगीर में को 67वें बैच के प्रशिक्षु पुलिस उपाधीक्षकों (DSP) का दीक्षांत समारोह पूरे गौरव और गरिमा के साथ संपन्न हुआ। समारोह में बिहार पुलिस के महानिदेशक (DGP) ए.के. अंबेडकर मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित हुए और उन्होंने परेड की सलामी ली। इस मौके पर राज्य को 26 नए डायरेक्ट रिक्रूटेड पुलिस उपाधीक्षक सौंपे गए हैं।

बता दें कि इन 26 प्रशिक्षुओं में प्रमुख रूप से मिथिलेश कुमार तिवारी, मोहम्मद शाहनवाज अख्तर, पौरुष अग्रवाल, ज्योति कुमारी, अभिषेक कुमार, खालिद हयात, स्नेही सोनल, शिवानी श्रेष्ठा, फैसल चांद, रौशन कुमार, ऋषभ आनंद और अन्य शामिल हैं। ये सभी अधिकारी अब राज्य के विभिन्न जिलों में तैनात किए जाएंगे, जहां वे एक वर्ष के व्यावहारिक प्रशिक्षण के तहत अपने कर्तव्यों का पालन करेंगे।

वहीं, समारोह को संबोधित करते हुए डीजी अंबेडकर ने अपने 33 वर्षों की सेवा का अनुभव साझा किया और नव प्रशिक्षुओं को व्यवहारिक सुझाव दिए। उन्होंने बताया कि वर्ष 1992-93 में पश्चिम चंपारण में उनकी पहली तैनाती के समय किस प्रकार उन्होंने जमीनी स्तर पर प्रशिक्षण लिया था और कैसे यह एक साल की प्रैक्टिकल ट्रेनिंग उनके करियर की नींव बनी। 

उन्होंने यह भी बताया कि उनके कार्यकाल में अब तक लगभग 50,000 कांस्टेबल को प्रशिक्षित किया गया है और जुलाई 2025 से 21,000 नए पुलिस कर्मियों के प्रशिक्षण की योजना तैयार है, जिसमें 10,000 डायरेक्ट रिक्रूट कांस्टेबल भी शामिल होंगे। अकादमी के निदेशक आर. मल्लार की सराहना करते हुए डीजीपी ने कहा कि संस्थान का इंफ्रास्ट्रक्चर और प्रशिक्षण व्यवस्था अब काफी बेहतर हुई है। 

अकादमी निदेशक आर. मल्लार ने बताया कि नव-प्रशिक्षित DSP को आधुनिक पुलिसिंग के सभी पहलुओं की व्यापक ट्रेनिंग दी गई है। इसमें डीएसपी को अपराध जांच, साइबर क्राइम, मानवाधिकार, आपदा प्रबंधन, भीड़ नियंत्रण और आधुनिक पुलिसिंग जैसे विषयों में गहन प्रशिक्षण दिया गया है, जिसमें तकनीकी ज्ञान के साथ-साथ फिजिकल फिटनेस, मानसिक मजबूती और नैतिक मूल्यों पर भी बल दिया गया है। 

यह समग्र प्रशिक्षण उन्हें एक प्रभावी, उत्तरदायी और जनसेवी अधिकारी के रूप में तैयार करता है। अब ये 26 नवनियुक्त अधिकारी राज्य के विभिन्न जिलों में एक वर्ष के व्यावहारिक प्रशिक्षण के तहत कानून-व्यवस्था बनाए रखने और समाज की सेवा में अपना योगदान देंगे।